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यूरिया उर्वरक की आपूर्ति में कमी से राज्य में कृषि उत्पादन में बाधा आएगी – रणेंद्र प्रताप स्वाईं

इण्डो एशियन टाइम्स, भुवनेश्वर।
ओडिशा के कृषि एवं किसान अधिकारिता मंत्री रणेंद्र प्रताप स्वाईं ने केंद्र से राज्य को पिछले सीजन की 4 लाख मीट्रिक टन यूरिया को जारी करने का आग्रह किया है। स्वाईं ने कहा कि यूरिया उर्वरक की आपूर्ति में कमी से राज्य में कृषि उत्पादन में बाधा आएगी।
इसके अलावा, स्वाईं ने केंद्र से आवश्यक 75,000 मीट्रिक टन एमओपी जारी करने का अनुरोध किया, क्योंकि राज्य में वर्तमान में लगभग 39,000 मीट्रिक टन एमओपी की कमी चल रही है।
केंद्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मंडाविया की अध्यक्षता में हुई बैठक में भाग लेते हुए स्वाईं ने कहा कि ओडिशा में नैनो यूरिया को बढ़ावा दिया जा रहा है और राज्य के किसान पारंपरिक यूरिया को प्राथमिकता दे रहे हैं। अत: नैनो यूरिया का प्रयोग थोपा नहीं जाना चाहिए। इससे किसानों में अशांति फैल सकती है। इसके अलावा, कई अन्य प्रगतिशील कृषि राज्यों के विपरीत, राज्य में उर्वरक की खपत अपेक्षाकृत कम है। नैनो-यूरिया को आगे बढ़ाने का कोई भी प्रयास कम अपनाने की वजह से उत्पादन को प्रभावित कर सकता है। हालाँकि, राज्य किसानों को नैनो-यूरिया को उत्तरोत्तर अपनाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है।
इसके अलावा, स्वाईं ने कहा कि ओडिशा के लिए पीएम-प्रणाम के तहत बचाई गई उर्वरक सब्सिडी के 50% तक कार्यक्रम के तहत सहायता की सीमा में छूट दी जानी चाहिए, क्योंकि इसमें उर्वरक खपत की दर कम है। उन्होंने कहा कि चूंकि ओडिशा कम उर्वरक का उपयोग कर रहा है, ऐसे में राज्य को योजना के तहत अच्छी मात्रा में सहायता नहीं मिल सकती है। इसलिए स्वाईं ने केंद्रीय हिस्से से अधिक सहायता का अनुरोध किया।
बैठक में केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और विभिन्न राज्यों के कृषि मंत्री शामिल हुए। बैठक में कृषि एवं एफई विभाग के प्रधान सचिव डॉ अरविंद कुमार पाढ़ी और कृषि एवं खाद्य उत्पादन निदेशक प्रेमचंद्र चौधरी भी शामिल हुए।
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