
दामनजोड़ी. केंद्रीय खान एवं कोयला मंत्री प्रल्हाद जोशी ने मंगलवार को दामनजोड़ी नालको के खान एवं परिशोधन संकुल में क्रशर तथा कंवेयर सिस्टम का शिलान्यास किया. यह प्रणाली कंपनी की एल्यूमिना परिशोधक की पांचवीं धारा के लिए बॉक्साइट की आवश्यकता को पूरा करेगी. यह परियोजना अप्रैल 2022 तक पूरी होने की संभावना है तथा इसकी लागत लगभग रु. 483 करोड़ होगी. जोशी ने शिलान्यास के तत्काल पश्चात खान एवं परिशोधन संकुल, दामनजोड़ी में नालको के कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमारा लक्ष्य 2024 तक अपने देश की अर्थव्यस्था को 5 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचाना है तथा मुझे भरोसा है कि इस विकास यात्रा में नालको का अहम योगदान होगा। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने कहा कि ओडिशा में देश के बॉक्साइट का लगभग 51 फीसदी, कोयले का 25 फीसदी तथा लोह अयस्क का 34 फीसदी संसाधन है तथा इसके अलावा क्रॉमाइट का 96 फीसदी तथा 44 फीसदी मैगनीज का संसाधन है.

जोशी ने कहा कि हमारी सरकार ने देश तथा इन क्षेत्रों के निवासियों के हित के लिए खनिज संपन्न राज्यों में खनन सम्भावनाएं तलाशने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं. उन्होंने इस क्षेत्र में खनन गतिविधियों के लिए सहयोग करने हेतु राज्य सरकार की भी सराहना की तथा कहा कि यह राज्य के विकास तथा अर्थव्यवस्था को प्रोत्साहित करने में सहायता करेगा. इससे पूर्व सोमवार को जोशी ने विशाखापट्टनम में नालको की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता की तथा कंपनी के वरिष्ठ अधिकारियों को सुरक्षा की ओर ध्यान देते हुए वार्षिक लक्ष्य प्राप्त करने हेतु उत्पादन बढ़ाने संबंधी निदेश दिए. उन्होंने नालको को 4वें लगातार वर्ष के लिए बॉक्साइट एवं एल्यूमिना हेतु विश्व के सबसे सस्ते उत्पादक बनने हेतु खुशी प्रकट की. उन्होंने सुदूर क्षेत्रों में प्रचालन के दौरान आने वाली चुनौतियों के मध्य पूर्ण क्षमता का उपयोग करने के लिए भी नालको की सराहना की. जोशी ने कोरापुट जिले में स्थित पंचपटमाली बॉक्साइट खान का भी दौरा किया, जो एशिया की सबसे बड़ी बॉक्साइट खान है, जिसमें लगभग 310 मिलियन टन बॉक्साइट जमा है.
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