Home / Uncategorized / सरकार ने अब सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईए) का निजीकरण करने का फैसला लिया

सरकार ने अब सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईए) का निजीकरण करने का फैसला लिया

  • इसके लिए 16 मार्च से निविदाएं होंगी आमंत्रित

https://m.facebook.com/libramattresszonecuttack

नई दिल्ली। रणनीतिक विनिवेश के तहत सरकारी कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने की दिशा में सरकार ने अब सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (सीईए) का निजीकरण करने का फैसला लिया है। विज्ञान एवं तकनीकी विभाग के अधीन इस सरकारी कंपनी की 100 फीसदी हिस्सेदारी मैनेजमैंट कंट्रोल के साथ बेचने की तैयारी चल रही है। इसके लिए सरकार 16 मार्च से निविदाएं मंगाएगी।

तीन साल रहेगा लॉक इन पीरियड
सरकार की ओर से प्राथमिक सूचना दस्तावेज में कहा गया है कि सफल बोलीदाता के लिए तीन साल का लॉक इन पीरियड रहेगा। इस अवधि में बोलीदाता सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड में से किसी हिस्सेदारी की बिक्री नहीं कर सकेगा। डिपार्टमेंट ऑफ इनवेस्टमेंट एंड पब्लिक एसेट मैनेजमेंट (दीपम) की ओर से जारी दस्तावेज में कहा गया है कि सरकार ने सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के 100 फीसदी विनिवेश को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी दे दी है। इस विनिवेश के तहत कंपनी का मैनेजमैंट कंट्रोल भी ट्रांसफर किया जाएगा। इस ट्रांजेक्शन की पूरी प्रक्रिया को दो भागों में बांटा गया है।

निजी हाथों में जाने वाली तीसरी कंपनी
भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) और एयर इंडिया के बाद सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स तीसरी ऐसी सरकारी कंपनी होगी, जिसका केंद्र सरकार निजीकरण करना चाहती हैं। केंद्र सरकार ने अगले वित्त वर्ष में 2.10 लाख करोड़ रुपए के विनिवेश का लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को केंद्र सरकार की कंपनियों की बिक्री, आईपोओ और ऑफर फॉर सेल के जरिए पूरा किया जाना है। चालू वित्त वर्ष में सरकार ने विनिवेश के जरिए 1.05 लाख करोड़ रुपए जुटाने का लक्ष्य रखा था। अब यह लक्ष्य असंभव दिख रहा है, ऐसे में सरकार ने इसे घटाकर 65 हजार करोड़ रुपए कर दिया है।

50 करोड़ रुपए होनी चाहिए नेटवर्थ
दीपम की ओर से जारी दस्तावेज में कहा गया है कि सेंट्रल इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के लिए बोलीदाता की मार्च 2019 तक कम से कम 50 करोड़ रुपए की नेटवर्थ होनी चाहिए। दस्तावेज में कहा गया है कि कंपनी के कर्मचारी भी बोली प्रक्रिया में हिस्सा ले सकते हैं। इस ट्रांजेक्शन की सलाहकार रीसर्जेंट इंडिया लिमिटेड को बनाया गया है। सीईएल सोलर फोटोवोल्टिक क्षेत्र में देश की अग्रणी कंपनी है। कंपनी ने 1977 में भारत का पहला सोलर सेल और 1978 में पहला सोलर पैनल बनाया था। सीईएल ने 1992 में देश का पहला सोलर प्लांट शुरू किया था।

साभार- आईपीजेए

Share this news

About desk

Check Also

ब्रह्मपुर की मेयर संघमित्रा दलेई को मिली जान से मारने की धमकी

मामला दर्ज, जांच में जुटी पुलिस फोन नंबर ब्रह्मपुर नगर निगम के पूर्व कार्यकारी इंजीनियर …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *