Home / Uncategorized / साध्वी प्रमुख कनक प्रभा जी तेरापंथ की मदर टेरेसा : मुनि जिनेश कुमार

साध्वी प्रमुख कनक प्रभा जी तेरापंथ की मदर टेरेसा : मुनि जिनेश कुमार

  •  राजधानी में हर्षोल्लास के साथ शुरू हुआ साध्वी प्रमुखा अमृत महोत्सव

भुवनेश्वर. महातपस्वी शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण जी के सुशिष्य मुनि श्री जिनेश कुमार जी ठाणा तीन के सानिध्य में महातपस्वी साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा जी के चयन के 50 वर्ष के पूरे होने के अवसर पर साध्वी प्रमुखा अमृत महोत्सव का भव्य आयोजन किया गया है. श्री जैन श्वेताम्बर तेरापंथी सभा, तेरापंथ युवक परिषद, तेरापंथ महिला मंडल के संयुक्त तत्वावधान में राजधानी भुवनेश्वर स्थित भवन में आयोजित इस समारोह में मुनि श्री जिनेश कुमार जी ने कहा कि असाधारण साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा त्याग, तपस्या तितिक्षा और तेजस्विता की प्रतीक हैं. प्रतिभा और पुरुषार्थ का पर्याय तेरापंथ धर्म संघ की तरुणिमा, अरुणिमा, गरिमा लाधिमा हैं.

साध्वी प्रमुखा कनक प्रभा जी तेरापंथ की मदर टेरेसा हैं. उनमें सरस्वती, लक्ष्मी, दुर्गा का समन्वित रूप है. आचार्य तुलसी की महान कृति हैं. उनमें सहजता, सरलता, समर्पण, सेवा, श्रद्धा, सादगी के संस्कार कूट-कूट कर भरे हुए हैं. वे आचारवान, विचारवान, अप्रमत्त साध्वी प्रमुखा हैं. गुरू निष्ठा, संघनिष्ठा, सिन्धांत, आध्यात्म निष्ठा का अद्भुत विलक्षण हैं. नेतृत्व क्षमता की कला विशेष हैं.

उन्होंने आगे कहा कि उनका जन्म कोलकाता में हुआ और उनकी दीक्षा राजस्थान के केलवा में आचार्य तुलसी के कर कमलों से हुई. आचार्य तुलसी ने उनकी योग्यता को अंकन करते हुए गया शहर में साध्वी प्रमुखा पद पर प्रतिष्थापित किया. उनकी लेखनी में बेधकता है और उनकी रचना हृदयस्पर्शी है. मुनि श्री ने कहा कि मां जैसी ममता उनमें है.

साध्वी प्रमुखा जी ने समाज को एवं नारी समाज के उत्थान और प्रशिक्षण में विशेष ध्यान दिया. साध्वी प्रमुखा जी को तीन तीन आचार्यों की सेवा करने का दुर्लभ अवसर मिला है. वर्तमान में आचार्य महाश्रमण जी के सानिध्य में आत्म आराधना के साथ संघ की सेवा कर रही हैं. मैं आपके निरामय स्वास्थ्य की मंगल कामना करता हूं.
इस अवसर पर मुनि कुणाल कुमार जी ने गीतिका प्रस्तुत किए. मुनि परमानंद जी ने मंच संचालन किया. सुमधुर गायक कमल सेठिया व तेरापंथ महिला मंडल ने सुमधुर अभ्यर्थना गीत प्रस्तुत किया. सभा के अध्यक्ष बच्छराज बेताला ने स्वागत भाषण प्रस्तुत किया. सभा ट्रस्टी मनसुख सेठिया, राष्ट्रीय अल्प संख्यक आयोग के सदस्य प्रकाश बेताला, उपासक पानमल नाहटा, तेयुप उपाध्यक्ष विशाल दुगड़, तेमम की अध्यक्ष मधु गीड़िया, शशि सेठिया, सुशीला सेठिया ने अभ्यर्थना में अपने अपने विचार व्यक्त किए. ज्ञानशाला के नन्हें मुन्ने ज्ञानार्थियों ने लघु नाटिका, तेरापंथ कन्या मंडल ने जीवन परिचय प्रस्तुत किया. वीरेन्त्र बेतेला ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

Share this news

About desk

Check Also

ODISHA CM MAJHI इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए ओडिशा बने आदर्श गंतव्य : मोदी कहा- प्राकृतिक सौंदर्य, सांस्कृतिक धरोहर और अपार संभावनाओं से भरपूर है राज्य भुवनेश्वर। ओडिशा राज्य प्राकृतिक सौंदर्य, समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और पर्यटन की असीम संभावनाओं के लिए प्रसिद्ध है। लगभग 30% क्षेत्र में फैले घने वन, 500 किलोमीटर से अधिक लंबा तटीय क्षेत्र और विश्व धरोहर में शामिल जगन्नाथ मंदिर और कोणार्क सूर्य मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थल इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म का आदर्श गंतव्य बनाते हैं। ओडिशा की राजधानी भुवनेश्वर स्थित जनता मैदान में उत्कर्ष ओडिशा : मेक इन ओडिशा कॉन्क्लेव 2025 का उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने पर जोर देते हुए कहा कि यह राज्य हर प्रकार के अनुभव के लिए बेहतरीन डेस्टिनेशन है। राज्य सरकार और निजी क्षेत्र को मिलकर इस क्षेत्र में काम करना चाहिए ताकि एक नई पर्यटन क्रांति की शुरुआत हो सके। इको और एडवेंचर टूरिज्म की संभावनाएं ओडिशा का विविध भौगोलिक परिदृश्य इसे इको और एडवेंचर टूरिज्म के लिए आदर्श बनाता है। उल्लेखनीय है कि चिलिका झील, सिमिलिपाल नेशनल पार्क, भीतरकनिका नेशनल पार्क और सातकोसिया अभ्यारण्य जैसे स्थानों पर इको टूरिज्म की अनंत संभावनाएं हैं। ट्रैकिंग, बर्ड वॉचिंग, बोटिंग और जंगल सफारी जैसे एडवेंचर एक्टिविटीज के लिए यह स्थान उपयुक्त हैं। तटीय क्षेत्र में पुरी और चांदीपुर जैसे समुद्री तट पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। इसके अलावा, समुद्री खेल गतिविधियों के विकास की भी बड़ी संभावनाएं हैं। सांस्कृतिक धरोहर की खासियत जगन्नाथ पुरी मंदिर, कोणार्क सूर्य मंदिर और लिंगराज मंदिर जैसे ऐतिहासिक धरोहरों के कारण ओडिशा सांस्कृतिक पर्यटन का भी प्रमुख केंद्र है। मोदी ने कहा कि हाल ही में जी20 सम्मेलन में कोणार्क मंदिर के पहिए की प्रस्तुति ने वैश्विक मंच पर राज्य की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूत किया है। सरकार और निजी क्षेत्र की भूमिका उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। निजी क्षेत्र को भी इस दिशा में निवेश के लिए आगे आना चाहिए, ताकि आधुनिक सुविधाओं के साथ पर्यावरण-संवेदनशील पर्यटन स्थलों का विकास किया जा सके। इको-फ्रेंडली रिसॉर्ट्स, एडवेंचर कैंप्स और पर्यटन गाइड सेवाओं का विकास इस दिशा में महत्वपूर्ण होगा। पर्यावरण संरक्षण के साथ विकास की पहल इको टूरिज्म के विकास से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा, बल्कि स्थानीय समुदायों को भी रोजगार के अवसर मिलेंगे। यह पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि इको और एडवेंचर टूरिज्म का विकास राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर मजबूत करेगा। राज्य की सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक संसाधन इसे एक आदर्श पर्यटन स्थल बनाते हैं। यदि राज्य सरकार और निजी क्षेत्र मिलकर इस दिशा में काम करें, तो न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और सांस्कृतिक धरोहरों के संवर्धन में भी योगदान होगा।

ओडिशा में सभी 30 जिलों में उद्योग स्थापना के लिए पार्क बनेंगे

मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने की घोषणा भुवनेश्वर। मुख्यमंत्री मोहन चरण माझी ने भुवनेश्वर के …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *