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ओडिशा सरकार ने आइसोलेशन के नियम में किया यह बदलाव…!!!

  • सात दिवसीय क्वारेंटाइन में लगातार तीन दिनों तक बुखार न होने पर आइसोलेशन पूरा

  • रोगी को अगले सात दिनों तक स्वनिगरानी में रहने की जरूरत

  • कोरोना वायरस का संक्रमण दिन लगभग पांच से छह दिनों तक कम

हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर

ओडिशा में कोरोना संक्रमण के विस्तार को रोकने के लिए आवश्यक आइसोलेशन के नियमों में कुछ बदलाव किया गया है. अब सात दिवसीय क्वारेंटाइन में लगातार तीन दिनों तक बुखार न होने पर आइसोलेशन पूरा मान लिया जायेगा. हालांकि रोगी को अगले सात दिनों तक स्वनिगरानी में रहने की जरूरत होगी. कोरोना वायरस के संक्रमण दिन के लगभग पांच से छह दिनों तक कम होने के कारण यह निर्णय लिया गया है.

यह जानकारी देते हुए ओडिशा के जन स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र ने शनिवार को कहा कि अगर किसी कोविद-19 पॉजिटिव मरीज को सात दिनों की क्वारेंटाइन अवधि के दौरान लगातार तीन दिनों तक बुखार की शिकायत नहीं मिलती है, तो आइसोलेशन को पूरा माना जाएगा. राज्य में वर्तमान कोविद-19 स्थिति के बारे में जानकारी देते हुए मिश्र ने कहा कि महामारी के शुरुआती दिनों में, सार्स-कोव-2 की ऊष्मायन अवधि 14 दिनों के रूप में पाई गई थी और एक पाजिटिव व्यक्ति में ऊष्मायन के दिन से 10 के भीतर किसी अन्य व्यक्ति को संक्रमित करने की क्षमता थी. लेकिन, हाल के वैज्ञानिक अध्ययनों में अब पाया गया है कि वायरस की विस्तार क्षमता लगभग पांच से छह दिनों तक कम हो गई है. इसलिए, हमने आइसोलेशन की अवधि को घटाकर एक सप्ताह कर दिया है. हालांकि, रोगी को अगले सात दिनों तक आत्म-निगरानी में रहने की जरूरत है. मिश्र ने कहा कि यदि छठे या सातवें दिन बुखार आता है, तो रोगी को डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और होम आइसोलेशन की अवधि बढ़ानी चाहिए.

अगर एक शौचालय है तो अंतिम में जाये कोरोना संक्रमित

ओडिशा के जन स्वास्थ्य निदेशक निरंजन मिश्र ने कहा कि यदि किसी कोविद संक्रमित व्यक्ति के परिवार में केवल एक शौचालय है, तो संक्रमित व्यक्ति को शौचालय का उपयोग सबसे अंत में करना चाहिए, जब परिवार में सभी लोग इसका उपयोग कर चुके हों. इसके बाद संक्रमित व्यक्ति द्वारा उपयोग किए जाने के बाद शौचालय को ब्लीचिंग पाउडर और सेनिटाइज़र का उपयोग करके साफ किया जाना चाहिए.

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