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संन्यास के बाद जनसेवा और खेल विकास को बनाएंगी लक्ष्य
भुवनेश्वर। ओडिशा की अंतरराष्ट्रीय धाविका और ओलंपियन दुती चांद ने राजनीति में कदम रखने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा है कि प्रतिस्पर्धी एथलेटिक्स से संन्यास लेने के बाद वह जनसेवा और खेलों के विकास के लिए राजनीति को माध्यम बनाना चाहती हैं।
एक साक्षात्कार में दुती चांद ने अपने भविष्य की योजनाओं को साझा किया। उन्होंने कहा कि समाज की व्यापक सेवा और खेलों के लिए स्थायी काम करने के लिए राजनीति एक प्रभावी मंच है।
समाज की सेवा राजनीति के बिना संभव नहीं
दुती चांद ने कहा कि समाज की सेवा बिना राजनीति के संभव नहीं है। जनसेवा के लिए संसाधन, नीति और लोगों से जुड़ाव जरूरी होता है। उन्होंने अपने पारिवारिक पृष्ठभूमि का जिक्र करते हुए बताया कि उनकी मां दो बार सरपंच रह चुकी हैं और विधायक बनने की आकांक्षा रखती थीं। दुती ने कहा कि बचपन से मेरी राजनीति में रुचि रही है और मैं अपनी मां का सपना पूरा करना चाहती हूं।
खेल करियर जारी रहेगा
राजनीति में रुचि के बावजूद दुती ने स्पष्ट किया कि जब तक वह सक्रिय रूप से प्रतियोगिताओं में भाग ले रही हैं, ट्रैक नहीं छोड़ेंगी। उन्होंने कहा कि एथलेटिक्स मेरा पेशा और जुनून है। मैंने खेल के जरिए अपनी पहचान बनाई है। लेकिन खेल करियर हमेशा के लिए नहीं होता। संन्यास के बाद मैं राजनीति के माध्यम से लोगों की सेवा करना चाहती हूं।
खेल उपलब्धियों पर एक नजर
दुती चांद ने अपने करियर की उपलब्धियों को याद करते हुए बताया कि 2006 से 2022 के बीच उन्होंने कई अहम मुकाम हासिल किए। वह विश्व विश्वविद्यालय खेलों में स्वर्ण पदक विजेता रहीं, दो बार ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व किया, कई बार अपने ही राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़े और अर्जुन पुरस्कार समेत अनेक सम्मान प्राप्त किए।
किसी दल से अभी नहीं जुड़ीं
राजनीतिक दल को लेकर दुती ने कहा कि उन्होंने अभी किसी पार्टी का चयन नहीं किया है। उन्होंने बताया कि भाजपा और बीजद, दोनों शासनकाल में उन्हें केंद्र और ओडिशा सरकार से भरपूर सहयोग मिला। दुती ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विचारधारा मुझे प्रेरित करती है, वहीं बीजद अध्यक्ष नवीन पटनायक ने ओडिशा में खेलों को आगे बढ़ाने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने स्पष्ट किया कि वह ओडिशा के विकास के प्रति प्रतिबद्ध किसी दल से जुड़ेंगी।
बारी विधानसभा क्षेत्र पर नजर
चुनाव लड़ने के सवाल पर दुती ने कहा कि अभी किसी क्षेत्र का नाम तय करना जल्दबाजी होगी, लेकिन जाजपुर जिले के बारी विधानसभा क्षेत्र की ओर संकेत दिया। उन्होंने वहां खेल ढांचे की कमी की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि क्षेत्र में एक ढंग का रनिंग ट्रैक तक उपलब्ध नहीं है।
खेल ढांचे के विकास की आकांक्षा
दुती चांद ने कहा कि सार्थक बदलाव के लिए संवैधानिक पद आवश्यक होता है। उन्होंने इच्छा जताई कि भविष्य में खेल प्रशासन से जुड़ी जिम्मेदारी निभाना चाहेंगी। उन्होंने कहा कि अगर अवसर मिला तो मैं खेल मंत्री के रूप में काम कर युवाओं के लिए बेहतर ढांचा और अवसर विकसित करना चाहूंगी।
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