Home / Sports / खेलो इंडिया पैरा गेम्स: व्हीलचेयर क्रिकेट, आर्म रेसलिंग के बाद ज्ञान प्रकाश शर्मा को बैडमिंटन से हुआ प्यार

खेलो इंडिया पैरा गेम्स: व्हीलचेयर क्रिकेट, आर्म रेसलिंग के बाद ज्ञान प्रकाश शर्मा को बैडमिंटन से हुआ प्यार

नई दिल्ली। देश की राजधानी में शुरू हुए खेलो इंडिया पैरा गेम्स में हिस्सा लेने आये ज्ञान प्रकाश शर्मा ने जन्म से ही दोनों पैर लकवाग्रस्त होने के बावजूद बैडमिंटन को दिल से अपनाया। प्रतिभाशाली खिलाड़ी के रूप में उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए व्हीलचेयर क्रिकेट खेलना शुरू किया था और किसी के प्रेरित करने पर आर्म रेसलिंग में भी हाथ आजमाया, जिसमें उन्होंने राष्ट्रीय ओपन चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता। बिहार के पटना निवासी ज्ञान ने बैडमिंटन में अपनी पहचान बनाने की इच्छा जताई है।

व्हीलचेयर (SL4) श्रेणी में खेलने वाले ज्ञान प्रकाश शर्मा ने इस साल डॉक्टर शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय (लखनऊ) से एचआर में एमबीए की डिग्री प्राप्त की है। वह इसी विश्वविद्यालय के परिसर में बैडमिंटन का अभ्यास भी करते हैं। वे बिहार से खेलो इंडिया पैरा गेम्स के दूसरे संस्करण में भाग लेने वाले एकमात्र व्हीलचेयर बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। जब उनसे इस खेल से जुड़े सफर के बारे में पूछा गया तो ज्ञान ने बताया, “लखनऊ में 2023 में पैरा नेशनल बैडमिंटन चैंपियनशिप हुई थी। उस समय मैं एक कंपनी में काम कर रहा था, जो टूर्नामेंट स्थल पर हॉस्पिटैलिटी प्रबंधन कर रही थी। मैं खिलाड़ियों, मैच अधिकारियों और रेफरी से मिलता था। यह सब देखकर मैं इस खेल से बहुत प्रभावित हुआ और इसे खेलना शुरू किया।”

किसान परिवार से ताल्लुक रखने वाले ज्ञान ने 2024 में अपनी श्रेणी में बिहार चैंपियन का खिताब जीता और फिर झारखंड के जमशेदपुर में आयोजित सीनियर नेशनल पैरा चैंपियनशिप में भाग लिया। यह मेरा पहला टूर्नामेंट था। मेरी श्रेणी में 64 खिलाड़ियों के बीच मैंने प्री-क्वार्टर फाइनल तक का सफर तय किया। इसी के आधार पर मेरा चयन खेलो इंडिया पैरा गेम्स के दूसरे संस्करण के लिए हुआ। यही कारण है कि मैं आज यहाँ आया हूँ यह देखने के लिए कि विकलांग खिलाड़ियों की कितनी देखभाल की जाती है।

उत्तर प्रदेश के एक मित्र से उधार लिए व्हीलचेयर के सहारे दिल्ली आए ज्ञान प्रकाश शर्मा अच्छे आर्म रेसलर भी हैं और उत्तर प्रदेश व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के नियमित सदस्य भी हैं। उन्होंने पिछले साल इंदौर में आयोजित ऑल इंडिया ओपन आर्म रेसलिंग चैंपियनशिप में 57 किलोग्राम भार वर्ग में कांस्य पदक जीता था। साई मीडिया से बातचीत में ज्ञान ने कहा, “मेरा आर्म रेसलिंग करियर बस एक संयोग था। मेरे मध्य प्रदेश के एक मित्र रिंकू ने एक बार मजाक में मुझसे आर्म रेसलिंग करने के लिए कहा। मैंने कोशिश की और वह मुझे हरा नहीं सका। इसके बाद उसने मुझे इस खेल में भाग लेने की सलाह दी और बताया कि इंदौर में ओपन चैंपियनशिप हो रही है। मैं बिना तैयारी के वहां गया और कांस्य पदक जीत लिया!”

ज्ञान ने बताया कि उन्होंने अपने परिवार की जिम्मेदारियों को पूरा करने के लिए एमबीए किया है और नौकरी पाना उनकी पहली प्राथमिकता है, लेकिन बैडमिंटन से उन्हें बेहद लगाव हो गया है और वे इस खेल में अपनी पहचान बनाना चाहते हैं। खेलो इंडिया पैरा गेम्स के बारे में बात करते हुए ज्ञान ने कहा कि भारत सरकार ने देश की राजधानी में बेहतरीन व्यवस्था की है। उन्होंने कहा, “ऐसे टूर्नामेंट लगातार होते रहने चाहिए क्योंकि ये मुझ जैसे नए खिलाड़ियों को खुद को साबित करने का मौका देते हैं। यहां आवासीय व्यवस्था बहुत अच्छी है। पूरा स्टेडियम विकलांग खिलाड़ियों के लिए सुगम बनाया गया है। खाने और अन्य सुविधाओं का भी पूरा ध्यान रखा गया है और साथ ही हॉस्पिटैलिटी से जुड़े लोग और स्वयंसेवक बहुत अच्छे व्यवहार वाले हैं।”
साभार – हिस

Share this news

About desk

Check Also

छेत्री की शानदार वापसी, भारत ने मालदीव को हराकर 489 दिनों बाद जीता फुटबॉल मैच

नई दिल्ली। भारत ने बुधवार को शिलांग के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में खेले गए फीफा …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *