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गंजाम, खुर्दा में सर्वाधिक 21-21 तथा बालेश्वर में आठ मरीज पाये गये
भुवनेश्वर. ओडिशा में अब तक ब्लैक फंगस के कुल 129 मामले पाये गये हैं, जिनमें से 18 मरीजों की मौत हो चुकी है और 12 रोगी स्वस्थ हो चुके हैं. सूत्रों के अनुसार, गंजाम और खुर्दा जिलों में ब्लैक फंगस के 21-21 मामले सामने आए हैं, जबकि बालेश्वर में संक्रमण के आठ मामलों की पुष्टि हुई है. राज्य जन स्वास्थ्य निदेशालय के प्रमुख डॉ निरंजन मिश्र ने आज पत्रकारों को इस घटनाक्रम की जानकारी दी. उन्होंने बताया कि वर्तमान में स्थिति नियंत्रण में है, क्योंकि बीमारी के केवल एक या दो मामले सामने आ रहे हैं. अब तक केवल 12 लोग ही संक्रमण से उबरे हैं, लेकिन चिंता की कोई बात नहीं है, क्योंकि मरीजों के ठीक होने में काफी समय लगता है. इसके अलावा ओडिशा में मामलों और मृत्यु की संख्या तुलनात्मक रूप से कम है. ओडिशा सरकार ने 21 मई को ब्लैक फंगस संक्रमण को महामारी रोग अधिनियम, 1897 के तहत नोटिफाइबल डिजीज के रूप में घोषित कर दिया था. राज्य में 10 मई को ब्लैक फंगस का पहला मामला पाया गया था. ऐसे मामलों का शीघ्र पता लगाने और प्रबंधन के लिए एक राज्य-स्तरीय टास्क फोर्स समिति का भी गठन किया गया है. ब्लैक फंगस को ‘म्यूकोर्मिकोसिस’ भी कहा जाता है. यह एक दुर्लभ और खतरनाक संक्रमण है, जो म्यूकोर्मिसेट्स नामक मोल्डों के समूह के कारण होता है. डॉक्टरों का मानना है कि म्यूकोर्मिकोसिस, जिसकी कुल मृत्यु दर 50% है, स्टेरॉयड के उपयोग से शुरू हो सकती है. यह उन लोगों में भी हो सकता है जिन्हें पुरानी अनियंत्रित मधुमेह, गुर्दे की समस्याएं, पुरानी जिगर की बीमारी, अस्थमा, टीबी या स्टेरॉयड जैसे इम्यूनोसप्रेसेन्ट थेरेपी पर हैं. माना जाता है कि हाल ही में कोविद संक्रमण ने इस कवक रोग के मामलों में काफी वृद्धि की है.