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बीजद नेता सौम्यरंजन पटनायक के बाद कांग्रेस और भाजपा ने भी उठाये सवाल
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कहा- नहीं मैच कर रहे हैं जिला प्रशासन और राज्य सरकार के आंकड़े
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नवरंगपुर जिले में भी मृतकों के आंकड़े भी बेमेल मिले
भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना संक्रमण के बेमेल आंकड़ों को लेकर राजनीति गरमा गयी है. विपक्ष ने राज्य सरकार पर विफलताओं को छुपाने के लिए गलत आंकड़े पेश करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि राज्य सरकार के आंकड़े तथा जिला प्रशासन के आंकड़ों में असमानता है. हालही में सत्तारूढ़ दल के विधायक व वरिष्ठ नेता सौम्यरंजन पटनायक ने कोरोना के आंकड़ों को लेकर अपनी ही सरकार को सवालों के घरे में लाकर खड़ा कर दिया था.
इसके बाद शनिवार को विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने ओडिशा के नवरंगपुर जिले में कोविद-19 से हुई मौतों में बेमेल आंकड़ा पेश करने का आरोप लगाया और कहा कि राज्य सरकार महामारी के खिलाफ लड़ाई में अपना चेहरा बचाने के लिए एक ‘मनगढ़ंत’ आंकड़ा पेश कर रही है.
विपक्षी दलों ने आगे आरोप लगाया है कि जिला कलेक्टर और राज्य सरकार के कोविद डैशबोर्ड द्वारा प्रस्तुत किए गए कोविद से मौत के आंकड़ों के बीच कई असमानताएं हैं.
जानकारी के अनुसार, पांच जून को विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर नानमदहांडी प्रखंड के नुआगड़ा क्षेत्र के ओम शांति सरोवर परिसर में 114 पेड़ रोपे गए. इसके बाद जिला कलेक्टर ने अपने फेसबुक अकाउंट में पोस्ट किया है कि जिले में महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान कोविद से मृतकों की याद में पौधे रोपे गए हैं.
इधर, राज्य सरकार के कोविद डैशबोर्ड से पता चलता है कि महामारी के कारण नवरंगपुर जिले में अब तक केवल 45 मौतें हुई हैं.
कांग्रेस ने राज्य सरकार को घेरा
ओडिशा प्रदेश कांग्रेस कमेटी (ओपीसीसी) के कार्यकारी अध्यक्ष प्रदीप कुमार मांझी ने बीजद सरकार को घेरते हुए कहा कि इन बेमेल आंकड़ों से यह स्पष्ट है कि ओडिशा सरकार ने अपनी छवि की रक्षा के लिए कोविद से मृत्यु की संख्या को दबाने की कोशिश की है. इस तरह की मंशा हर किसी के कारण को नुकसान पहुंचाएगी.
झूठा श्रेय लेने के लिए इस तथ्य को छिपाने की कोशिश – भाजपा
इसी तरह के अपने विचार व्यक्त करते हुए तथा राज्य सरकार पर हमला बोलेत हुए प्रदेश भाजपा के उपाध्यक्ष बलभद्र मांझी ने कहा कि राज्य सरकार प्रभावी कोविद प्रबंधन के लिए झूठा श्रेय लेने के लिए इस तथ्य को छिपाने की कोशिश कर रही है. यह केवल कोविद पीड़ित के परिवार के सदस्यों को सरकारी सहायता के लाभ से वंचित करेगा. उन्होंने कहा कि लोगों राज्य सरकार को सही संख्या जारी करनी चाहिए.
विधायक सप्तगिरि उलाका ने ऑडिट की मांग की
कोरापुट के विधायक सप्तगिरि उलाका ने मृतकों की संख्या की ऑडिट की मांग की. उलाका ने कहा कि वास्तविक मौतों की संख्या की ऑडिट होनी चाहिए और इसे ठीक से पंजीकृत किया जाना चाहिए, ताकि पीड़ितों के परिवार के सदस्यों को सरकारी सहायता मिल सके.
मौतों की संख्या के बारे में रिपोर्ट सौंप दी है – सीडीएमओ
विपक्ष के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए सीडीएमओ शोभरानी मिश्रा ने कहा कि हमने राज्य सरकार को मामलों और मौतों की संख्या के बारे में रिपोर्ट सौंप दी है. राज्य सरकार घोषणा करेगी कि मौत कोविद-19 या कॉमरेडिडिटी के कारण हुई है.
बीजद उपाध्यक्ष ने भी उठायी से अंगुली
इससे पहले एक जुलाई को ओडिशा में सत्तारूढ़ बीजद के उपाध्यक्ष सौम्य रंजन पटनायक ने राज्य में कोविद-19 से संबंधित मौतों की संख्या पर कुछ गंभीर सवाल उठाकर ओडिशा की राजनीति में तूफान ला दिया.
सरकार पर तीखा हमला करते हुए पटनायक ने एक संपादकीय में कहा कि राज्य में कोविद की मृत्यु दर के बारे में आंकड़ों को छुपाया गया है.
पटनायक ने कहा कि प्रशासनिक विफलता और लापरवाही के कारण राज्य में कोविद-19 से मौत की संख्या को लेकर विवाद छिड़ गया है, जो ओडिशा सरकार की छवि को और प्रभावित कर रहा है.
उन्होंने कहा कि शीर्ष पर रहने की बेताब दौड़ और अतीत के गौरव से चिपके रहने के प्रयास के परिणामस्वरूप मौत के आंकड़ों में हेरफेर किया गया है.
अगर मौतों की वास्तविक संख्या सामने आ जाती तो ज्यादा नुकसान नहीं होता. उन्होंने कहा कि आंकड़ों को छिपाने का गलत प्रयास प्रशासनिक तंत्र की शुचिता को बर्बाद कर रहा है.
बीजद के उपाध्यक्ष ने कहा कि मौजूदा परिदृश्य में बाएं हाथ क्या कर रहा है, यह प्रशासन के दाहिने हाथ को नहीं पता है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक को इसकी जानकारी है या नहीं, हम निश्चित रूप से नहीं जानते. उसका
उन्होंने मांग की कि ओडिशा के सीएम को जल्द से जल्द वायरस से होने वाली मौतों पर एक श्वेत पत्र जारी करना चाहिए. उन्होंने कहा कि राज्य के लोग उन्हें और अधिक प्यार करेंगे, अगर वह श्वेत पत्र जारी करके अपना साहस दिखाते हैं.
हर दिन लगभग 250 शवों का अंतिम संस्कार – भाजपा महासचिव
राज्य में भाजपा महासचिव पृथ्वीराज हरिचंदन ने इस मुद्दे को उठाने के लिए बीजद नेता को धन्यवाद दिया था. उन्होंने कहा कि कोविद पीक समय के दौरान हर दिन लगभग 250 शवों का अंतिम संस्कार किया जा रहा था, लेकिन राज्य सरकार 30 से 40 की दैनिक मृत्यु दर पर कायम थी.
हरिचंदन ने कहा कि मृत्यु संख्या छिपाकर, ओडिशा सरकार पीड़ितों के परिवारों को केंद्रीय सहायता से वंचित कर रही है, साथ ही राज्य द्वारा उनके लिए घोषित सहायता से भी वंचित रखने का प्रयास कर रही है.
सरकार ने किसी भी मौत को नहीं छिपाया – मुख्य सचेतक
राज्य में विपक्षी दलों के नेताओं तथा सत्तापक्ष के नेता के आरोपों का जवाब देते हुए सरकार की मुख्य सचेतक प्रमिला मल्लिक ने कहा कि राज्य सरकार ने किसी भी कोविद से संबंधित मौतों को नहीं छिपाया है.