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5जी की तरफ बढ़ी दूरसंचार कंपनियां, पर कहीं 2-जी नेटर्वक भी नहीं
भुवनेश्वर. देश में सुपर फास्ट इंटरनेट को लेकर देकर दूरसंचार कंपनियां भले ही 5-जी की तरफ बढ़ रही हैं, लेकिन आलम यह है कि देश के कई हिस्सों में आज तक 2-जी की नेट उपलब्ध नहीं है. ऐसा ही कुछ हाल ओडिशा के कोरापुट जिले में देखने को मिला है, जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी के कारण बच्चों की आनलाइन पढ़ाई प्रभावित हो रही है. उन्हें इंटरनेट कनेक्टिविटी के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है, तो कभी पहाड़ों पर चढ़ाना पड़ रहा है. कोरापुट जिले के बैपारिगुड़ा ब्लॉक के आदिवासी गांवों में रहने वाले छात्रों को खराब इंटरनेट कनेक्टिविटी के कारण ऑनलाइन कक्षाओं में भाग लेने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है. जानकारी के अनुसार, चिपाकुर पंचायत के 45 गांवों में इस समस्या से बच्चे जूझ रहे हैं. इस पंचायत का ऐसा ही एक गांव है जोड़ीगुड़ा. यह एक गांव जो चारों ओर से जंगलों से घिरा हुआ है. जानकारी के अनुसार, प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ने वाले बच्चों को अच्छी कनेक्टिविटी के लिए पहाड़ पर चढ़ने के लिए जंगलों के बीच से गुजरते हुए एक से दो किलोमीटर पैदल चलने पड़ते हैं. एक ग्रामीण ने बताया कि कोरोना के प्रकोप के बाद से इस क्षेत्र में शिक्षा व्यवस्था चरमरा गई है. हमारे गांव जोड़ीगुड़ा में 40 बच्चे हैं. हाल ही में सरकार ने यू-ट्यूब लाइव स्ट्रीमिंग के माध्यम से शिक्षा प्रदान करने का निर्णय लिया है. हमारी पंचायत चिपाकुर में 45 गांव हैं. इनमें से किसी भी गांव में कोई मोबाइल नेटवर्क नहीं है. उन्होंने सवाल किया कि मोबाइल नेटवर्क के अभाव में बच्चे यू-ट्यूब तक कैसे पहुंचेंगे? उन्होंने कहा कि बच्चों को कक्षाओं में भाग लेने के लिए इंटरनेट कनेक्टिविटी की तलाश में लगभग एक से दो किमी पैदल चलना पड़ता है. पहाड़ियों पर चढ़ना पड़ता है. उन्होंने अपनी पंचायत में बेहतर मोबाइल कनेक्टिविटी की मांग की. एक छात्र ने कहा कि हमें नेटवर्क कनेक्टिविटी प्राप्त करने के लिए पहाड़ियों पर चढ़ना होगा. हम पेड़ों के नीचे पढ़ रहे हैं.