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करोड़ों की कमाई पर लगा करोना का ग्रहण
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बदामबाड़ी बस स्टैंड से कई राज्यों के लिए खुलती हैं बसें
शैलेश कुमार वर्मा. कटक
ओडिशा राज्य के प्रमुख बस स्टैंडों में कटक बदामबाड़ी बस स्टैंड की अपनी एक अलग पहचान है. इस बस स्टैंड से कई राज्यों के लिए बसें खुलती हैं, लेकिन 2 महीने से इस बस स्टैंड में वीरानी सी छाई हुई है और बस स्टैंड पर सन्नाटा पसरा हुआ है. यहां से प्रतिदिन सैकड़ों बसें विभिन्न जिलों के साथ-साथ झारखंड, बंगाल, एवं छत्तीसगढ़ के लिए बसें चलती हैं. यहां की बस स्टैंड काफी प्रख्यात बस स्टैंड है. सिर्फ कटक-भुवनेश्वर के लिए दिनभर में सैकड़ों बसे आवागमन करती है. लॉकडाउन के बाद यहां की स्थिति देखने लायक है इस बस स्टैंड परिसर में कई छोटे-मोटे दुकान है, जो 2 महीनों से बंद पड़ी है. इन दुकानों को बंद होने के कारण दुकानदारों को लॉकडाउन के दौरान काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इतना ही नहीं छोटे-छोटे व्यापारी जो बादाम, मूंगफली, भुजा, शिकंजी आदि का व्यापार कर रहे हैं. वैसे दुकानदारों को काफी नुकसान हो रहा है सिर्फ नुकसान दुकानदारों को ही नहीं बल्कि यहां से खुलने वाली सभी बसों के मालिकों को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. इसके साथ साथ यहां पर सैकड़ों की संख्या में कुली मजदूरी कर जीवन यापन चला रहे हैं, लेकिन इन दिनों इन कुलियों की भी हालत बद से बदतर है. बदामबाड़ी बस स्टैंड परिसर से प्राइवेट एवं सरकारी बसें भी चलती है. इससे यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस दो महीनों में राज्य सरकार को भी काफी नुकसान उठाना पड़ा होगा. हालांकि बस ओनर एसोसिएशन से बात करने की कोशिश की गयी, लेकिन किसी कारण वश बात नहीं हो पाई. बस नहीं चलने के कारण शाम को इस इलाके से गुजरने में भी डर लगता है, जिस तरह कोरोना की संख्या में कमी नहीं देखी जा रही है. इससे यह अनुमान लगाया जा सकता है कि कब से यह बस स्टैंड फिर से अपने पुराने ढांचे पर आएगी और यहां रौनक फिर से कब लौटेगी. यह एक सोचनीय विषय है. बदामबाड़ी बस स्टैंड के दुकानदारों से बात करने पर कईयों के आंखों से आंसू टपक पड़े, उन्होंने भाव विभोर हो कहा कि सरकार जल्द से जल्द लॉकडाउन हटाए और हम जैसे गरीबों पर अपना आशीर्वाद बनाए रखे. पिछले साल से लेकर इस साल तक सिर्फ कठिनाइयों का ही सामना करना पड़ा है. लॉकडाउन और शटडाउन की वजह से व्यापारियों की कमर टूट चुकी है, अब जो भी उम्मीद बनी है सरकार पर ही बनी है और टिकी है. सरकार जितना जल्द उचित कदम उठाकर लॉकडाउन और शॉटडाउन को खत्म कर दुकान एवं बस स्टैंड को चालू करने की दिशा निर्देश पारित करे, जिससे हम जैसे गरीबों को राहत मिल सके. इधर कई ठेला चालको से बातचीत भी हुई. ठेला चालकों ने कहा कि बस नहीं चलने के कारण एवं होलसेल मार्केट बंद होने से उनकी कमाई पर काफी फर्क पड़ गया है. माल नहीं मिलने के कारण परिवारों का जीवन यापन करना कठिन पड़ रहा है. यहां प्रतिदिन सैकड़ों ठेला चालक माल ढ़ोकर अपना पेट भर रहे हैं और अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं, लेकिन इन दो महीनों में इन ठेला चालकों की भी हालत बद से बदतर हो चुकी है और कईयों ने तो अपने अपने गांव को लौट गए हैं. जब लॉकडाउन और शटडाउन खत्म होगी. तब वह अपने अपने गंतव्य स्थान पर लौट कर पुनः काम को चालू करेंगे.