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पुलिस ने राजस्थान से रिहा कराया
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एक दलाल को हिरासत में लिया गया
संबलपुर। अर्से से संबलपुर सहित आसपास के जिलों में मानव-तस्कर का एक गिरोह सक्रिय है। इसके बावजूद इस गिरोह के खिलाफ ठोस कार्रवाई नहीं होने के कारण उनका हौसला बुलंद है, और वे खुल्लम-खुल्ला मानव तस्करी की घटना को अंजाम देने में लग गए हैं। इस गिरोह के निशाने पर स्वामी परित्यक्ता महिला, तलाकशुदा महिला, विधवा एवं गरीब तथा असहाय घरों की युवती रहती है। उन्हें अच्छी नौकरी, पारिश्रमिक एवं शादी कराने का झांसा देकर गिरोह के सदस्य राजस्थान, मध्यप्रदेश एवं हरियाणा समेत देश के अन्य भूभाग में ले जाकर उनका सौदा कर देते हैं। ऐसी ही एक घटना पुन: संबलपुर शहर में घटित हुई है। मिली जानकारी के अनुसार बौद्ध जिला की एक असहाय युवती को संबलपुर शहर के दो दलालों ने शादी करा देने का झांसा दिया और उसे साथ लेकर राजस्थान चले गए। वहांपर किन्तु उन्होंने उस युवती को एक व्यक्ति के पास पांच लाख में बेच दिया और वहां से फरार हो गए। इसके बाद उस युवती पर दुखों का पहाड़ टूटने लगा। रोजाना उसे मानसिक एवं शारीरिक तौरपर प्रताडि़त किया जाने लगा। जब इस बात की खबर अंईठापाली-संबलपुर निवासी उसके एक रिश्तेदार को लगी तो उसने तत्काल पुलिस से संपर्क किया। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और युवती के मोबाईल फोन को ट्रैक करना आरंभ कर दिया। जब युवती का लोकेशन मिल गया तो संबलपुर पुलिस की विशेष टीम राजस्थान पहुंची और उसे युवती को रिहा कराया। मिली जानकारी के अनुसार पुलिस की टीम ने इस मामले में संलिप्त एक दलाल को हिरासत में लिया है, जबकि दूसरे की तलाश की जा रही है। जांच में बांधा न पैदा हो इसलिए मामले की विस्तारित जानकारी सार्वजनिक नहीं की जा रही है। यहांपर यह बतातें चलें कि संबलपुर, सुंदरगढ़ एवं झारसुगुड़ा जिले के आदिवासी बहुल इलाकों से मानव तस्करी की घटनाएं अक्सर सुनने को मिलती है। संबलपुर समेत सुंदरगढ़ एवं झारसुगुड़ा जिला के विभिन्न थानों में इस तरह के अनेकों मामले दर्ज हैं। उन सभी जिलों के पुलिस ने भी कई बार कार्रवाई किया और आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल की हवा खिला दिया। इसके बावजूद ऐसे गिरोह पर संपूर्ण रूप से नियंत्रण नहीं हो पाया है। सचेतन समाज के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है। अंचल के सचेतन लोग ऐसे लोगों के खिलाफ ठोस से ठोस कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।