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कहा- शरीर में अपनी उपस्थिति के दौरान कोरोना वायरस विभिन्न अंगों को करता है प्रभावित
भुवनेश्वर. चिकित्सा शिक्षा और प्रशिक्षण निदेशालय (डीएमईटी) के निदेशक डॉ सीबीके मोहंती ने कहा कि यदि कोविद-19 वायरस का डेल्टा प्लस संस्करण का पता यदि जल्द चल जाये और संक्रमित रोगियों को उसी के अनुसार संगरोध कर दिया जाए तो यह ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा सकता है.
डॉ सीबीके मोहंती ने कहा कि देश में अब तक नए संस्करण के कुछ ही मामले सामने आए हैं. भारत में डेल्टा प्लस संस्करण की पहचान कुछ दिनों पहले ही हुई है और महाराष्ट्र में केवल सात मामले पाए गए हैं. इतने कम मामलों के साथ हम इतनी जल्दी इसकी गंभीरता का अनुमान नहीं लगा सकते. यदि हम जल्द से जल्द मामलों का पता लगाते हैं और तदनुसार रोगियों को अलग करते हैं, तो नए संस्करण तेजी से नहीं फैल सकते हैं और बहुत नुकसान नहीं कर सकते हैं. उन्होंने कहा कि शरीर में अपनी उपस्थिति के दौरान कोरोना वायरस आमतौर पर विभिन्न अंगों को प्रभावित करता है, जिसका पता बाद में चलता है. मोहंती ने कहा कि ऐसे कई कारक हैं जो एक मरीज की जटिलता, ठीक होने और मृत्यु के लिए जिम्मेदार होते हैं.
उन्होंने कहा कि महामारी की तीसरी लहर जो पहले से ही अन्य देशों में अपना जाल फैला चुकी है, दूसरी लहर की तुलना में कम प्रभाव पाई गई है.