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तालसरी एवं बलरामगुड़ी में देखने को मिला समुद्र का प्रकोप
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जिले के 84 गांवों में बाढ़ की स्थिति
बालेश्वर. यहां मंगलवार रात से बुधवार की सुबह तक अत्यधिक बारिश एवं तेज हवा रही. हवा की गति भले ही कुछ हद तक धीमी हो गई हो, लेकिन इसका असर अभी भी तटीय इलाकों पर पड़ रहा है.
जिले के सोरो प्रखंड की दो पंतायत, बाहानगां प्रखंड की तीन पंचायत, रेमुणा प्रखंड की 4 पंचायत, बालेश्वर सदर प्रखंड की 26 पंचायत, बलियापाल प्रखंड की 11 पंचायत और भोगराई प्रखंड की 8 पंचायतों में समुद्र का पानी भर गया है. हजारों हेक्टर खेती की जमीन एवं झींगा के फार्म में नमकीन पानी घुस गया है. इसके अलावा जिले के प्रायः सभी प्रखंडों में यश का तांडव देखने को मिला है. चक्रवात के प्रभाव से बहुत बड़े-बड़े पेड़ और बिजली के खंभे उखड़ गए हैं. सबसे ज्यादा प्रभावित क्षेत्र बाहानगां, बालेश्वर और भोगराई हैं. कई जगहों पर बिजली व्यवस्था भी ठप हो गई है. बालेश्वर शहर के भास्करगंज इलाके में पेड़ गिरने से 22 वर्षीय मंटू जेना नाम के युवक की मौत हो गयी.
चक्रवात यश की खास बात यह रही कि बुधवार को पूर्णिमा तिथि होने के कारण समुद्र में ज्वार भाटा भी आया. चांदीपुर समुद्र तट पर 5 फीट ऊंचे ज्वार-भाटे से होटल, रिसार्ट, बस्तियां और झींगा फार्म में पानी भर गया है. बालेश्वर के सदर प्रखंड परिक्षी में दो गांवों में पानी भर गया है. भोगराई प्रखंड 4 तलसारी और उदयपुर में समुद्र तट पर सैकड़ों दुकानें समुद्र में डूब गईं हैं. चांदीपुर, बालेश्वर में बलरामगड़ी फिशिंग जेटी से नुपालगड़ी तक लगभग दो किमी की दूरी, बूढ़ाबलंग नदी में भुतभूटी, ट्रॉलर और नावें बाढ़ में बह गईं. कुछ ट्रॉलर 200 मीटर तक तैरते हुए घर पर चढ़ते देखे गए. कुछ मछुआरों के घर भी तूफान की चपेट में आ गए हैं.
बालेश्वर के जिलाधिकारी के सुदर्शन चक्रवर्ती ने कहा कि जिले के कुल 84 गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं. इसके अलावा कुल आश्रय स्थल में करीब 184000 लोगों को रखा गया है, जहां उन्हें प्रशासन की तरफ से खाने की सुविधा भी दी जा रही है. उन्होंने बताया कि बालेश्वर शहर अंचल में ज्यादातर इलाकों में बुधवार रात को ही बिजली की सुविधा लोगों को मुहैया करवा दी गई थी. मगर गांवों में अभी भी बिजली मुहैया करवाने में करीब दो दिनों का समय लगेगा. प्रशासन एवं विद्युत विभाग की पहली प्राथमिकता है कि बिजली सेवा जल्द से जल्द उपलब्ध करायी जाये. उधर, राज्य सरकार की तरफ से आज राज्य के खाद्य मंत्री रवींद्र प्रताप सिंह को भी राहत एवं बचाव कार्य की देखरेख करने के लिए बालेश्वर भेज दिया गया है.