अशोक पाण्डेय, भुवनेश्वर
ओडिशा में कोरोना को लेकर जारी शटडाउन के दौरान आईजी आपरेशन अमिताभ ठाकुर ने एक जरूरतमंद की मदद करके दूसरों के लिए मिसाल कायम की है. उनके इस योगदान की लोग खूब सराहना कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि ओडिशावासियों को कोरोना संक्रमण से बचाने के लिए शनिवार और रविवार को शटडाउन तथा गत पांच मई से लाकडाउन चल रहा है. ऐसे में गत रविवार को यशवंतपुर-भागलपुर ट्रेन से बैंगलोर से अपने बेटे के घर से वापस लौट रहे कोरोना संक्रमित 77 वर्षीय अरुण मुखर्जी का खुर्दा रोड रेलवे स्टेशन के करीब हृदयगति रुक जाने के कारण असामयिक निधन हो गया. जमालपुर बिहार के रहनेवाले अरुण मुखर्जी की पत्नी उत्तरा मुखर्जी की हरसंभव सहायता उनके साथ सफर करनेवाले सहयात्रियों ने की. अरुण मुखर्जी के शव को खुर्दा रोड रेलवे स्टेशन उतारा गया, लेकिन रात का समय होने तथा शटडाऊन होने को कारण उनकी कोई सहायता नहीं कर पाया. ऐसे में स्वर्गीय अरुण मुखर्जी की पत्नी उत्तरा मुखर्जी ने आपातकालीन सेवा नंबर से आईजी आपरेशन अमिताभ ठाकुर को फोन किया. ठाकुर ने तत्काल उनकी हरसंभव सहायता की. अर्थराइटिस मरीज उत्तरा मुखर्जी को खड़गपुर तक ट्रेन से जाने से लेकर हर संभव सहायता अमिताभ ठाकुर ने तत्काल की. गौरतलब है कि गत वर्ष भी कोरोना संक्रमण काल में जिसप्रकार की सहायता आईजी आपरेशन अमिताभ ठाकुर ने कोरोना योद्धाओं तथा ओडिशा की आमजनता के लिए की थी वह भी यादगार तथा प्रेरणास्त्रोत रहा. सामान्य लोगों का यह मानना है कि ठाकुर के पुलिस करियर की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि वे अपनी जिम्मेदारी को जिम्मेदारी समझकर निभाते हैं साथ ही साथ आमजनता के लिए संवेदनशील बनकर, अपना सहयोगी और हितैषी बनकर उनकी सहायता एवं सहयोग करते हैं.
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