अशोक पाण्डेय, भुवनेश्वर
भुवनेश्वर में जारी 14 दिवसीय लॉकडाऊन के पहले दिन दोपहर 12 बजे के बाद चारों तरफ खामोशी का मंजर नजर आया. सभी सड़कें वीरान नजर आईं. स्थानीय पुलिसवाले भी राहत की सांस लिये. सभी देवालयों के मुख्यद्वारों पर ताला लगा नजर आया. वहीं अशोकनगर, जनपथ, सत्यनगर, शहीदनगर, सीआरपीएफ, गांधीमार्केट, आचार्य विहार, जयदेव विहार तथा बापूजीनगर में पूरी तरह से सन्नाटा पसरा था, लेकिन आज सुबह लगभग 6.00 बजे से लेकर लगभग 10.30 बजे तक भुवनेश्वर में पहले की तरह आज भी चहल-पहल नजर आई. भुवनेश्वर की सभी सडकों के किनारे सब्जी, फल, अण्डा, दूध, मछली, मीट तथा सूखुआ आदि खरीदने में लोग हुए थे. किताबों की दुकानें लगभग 11.00 बजे तक खुली रहीं. कोरोनाकाल में बाजारों में सुबह में कहीं भी सामाजिक दूरी का खयाल नहीं नजर आया. हां, लोग मास्क लगाये जरुर थे लेकिन सही तरीके से नहीं. सडकों पर गाडियों की अपार भीड अवश्य नजर आई, लेकिन 12 बजते- बजते लॉकडाऊन का असर साफ नजर आया. पूरी तरह खामोशी का मंजर रहा.