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नजरों के सामने सरकारी गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहे साई इंटरनेशनल स्कूल के पदाधिकारी
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गरीबों पर जुर्माना लगाने वाली पुलिस रही मुकदर्शक
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लोगों ने कमिश्नरेट पुलिस अधिकारियों पर लगाया भेदभाव का आरोप
हेमन्त कुमार तिवारी, भुवनेश्वर
भुवनेश्वर में कोरोना महामारी के बीच जागरुकता फैलाने निकले साई इंटरनेशनल स्कूल के अधिकारी कल माक्स वितरण के दौरान खुद कोरोना नियमों का उल्लंघन करते रहे और चंद मास्क के चक्कर में कमिश्नरेट का कानून भटक गया. चौक-चौराहों पर मास्क को लेकर लोगों पर नजरे टिकाने वाली कमिश्नरेट पुलिस मास्क लेने के चक्कर में इसे दरकिनार कर गयी.
उल्लेखनीय है कि कोरोना संक्रमण राज्य में काफी तेजी से बढ़ रहा है. राजधानी में कोरोना संक्रमण के मामले दैनिक सर्वाधिक दर्ज हो रहे हैं. इस दौरान हर स्तर पर लोगों से मास्क पहनने की अपील की जा रही है. मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने भी 14 दिवसीय मास्क अभियान चलाया था. अब तो पांच मई से लाकडाउन की घोषणा भी हो चुकी है. इसी बीच साई इंटरनेशनल स्कूल के अधिकारी लोगों के बीच मास्क वितरण करने निकले थे. राजधानी स्थित एक थाने के समक्ष साई इंटरनेशन स्कूल के अधिकारी मास्क वितरण करते समय कोरोना को लेकर जारी सरकारी गाइडलाइन का उल्लंघन कर गये. एक अधिकारी ठीक से मास्क नहीं पहने थे और सामने पुलिसकर्मी चंद मास्क लेने के चक्कर में कोरोना नियमों का माखौल देखते रहे.
एसीपी कार्यालय के समक्ष हुई घटना
यह घटना राजधानी स्थित एसीपी कार्यालय के समक्ष हुई, जहां साई इंटरनेशनल स्कूल की तरफ से मास्क वितरण किया जा था. यह मास्क पुलिसकर्मियों को दिया जा रहा था. फोटो सत्र के दौरान सभी लोग मास्क पहने थे, लेकिन साई इंटरनेशनल स्कूल के एक वरिष्ठ अधिकारी मास्क नहीं पहने थे.
पाठक ने लगाया कमिश्नरेट पुलिस पर भेदभाव का आरोप
इण्डो एशियन टाइम्स को यह तस्वीरें भेजने वाले पाठक ने कमिश्नरेट पुलिस पर भेदभाव का आरोप लगाया है. इस पाठक ने कहा कि पुलिस चौक-चौराहों और बाजारों में गरीबों की मुंह निहराती रहती है कि कैसे मास्क नीचे और वह चालान काटे, लेकिन बड़े लोगों के समक्ष कमिश्नरेट का कानून अंधा हो जाता है. पाठक ने बताया कि इस दौरान साई इंटरनेशनल स्कूल के सीनियर जनरल मैनेजर शरत कुमार कर, पीआरओ, कैलाश चंद्र पटनायक और अंतर्राष्ट्रीय समन्वयक जेसिका पटनायक मौजूद थे.
15 मिनट का मोल नहीं
इस मामले में जब साई इंटरनेशनल स्कूल के वरिष्ठ जनसंपर्क अधिकारी शरद कर को फोन किया गया तो उन्होंने कहा कि मैं थोड़ा एक अतिआवश्यक काम में व्यस्त हूं. 15 मिनट में फोन करता हूं. लेकिन न जाने कितने 15 मिटन बीत गये और वह समय नहीं दे पाये, जिससे साई इंटरनेशनल स्कूल की प्रतिक्रिया नहीं हो पायी है.