हम रहेंगे तभी हमारा घर-परिवार, व्यापार, पैसा और समाज सुरक्षित रहेगा. परिवार को बचाने की बहुत बड़ी गंभीर चुनौती हमारे सामने है. हमारे परिवार जन, बच्चे ही हमारी असली पूंजी हैं, उनकी देख-भाल करना हमारा परम दायित्व है. सुरक्षित रहे, परिवार का ध्यान रखें. सरकारी नियमों का गंभीरता एवं कठोरता से पालन करें.
कमल सिकरिया (लेखक एक स्वतंत्र विचारक व नंदगांव वृद्ध गो सेवा आश्रम कटक के अध्यक्ष हैं)
कोरोना महामारी एक बार फिर से पूरे विश्व में विकराल रुप धारण कर अपने पैर पसार चुकी है, यह बहुत ही ज्यादा चिंतनीय है. आखिरकार सरकार द्वारा भी 15 दिनों का लॉकडाउन भी लागू हो चुका है. इस दौरान हमें खुद की और अपने परिवार की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखना है. ऐसे में जरूरत मंद लोगों की सहायता करना बहुत ही नेक कार्य है. मगर इसके चक्कर में हमें अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी नहीं भूलना है. हम छोटे-छोटे कार्य से ही लोगों की सहायता कर सकते हैं. अंग्रेजी में कहावत है चैरिटी बिगिंस फ्राम होम. इसलिए सर्वप्रथम हमें अपने परिवार एवं मित्रों से सम्पर्क करें. उन्हें अगर किसी भी प्रकार की सहायता चाहिए, तो जरूर से जरूर उनकी सहायता करें. इसके साथ-साथ अपने अड़ोस-पड़ोस के जरूरतमंद लोगों की सहायता करें. अपने समाज एवं अन्य जरूरतमंद लोगों की सहायता भी करें. ऐसा ना हो कि होम करते हुए हाथ जल जाएं.
आपके परिवार की पूरी जिम्मेदारि आप पर है. भावुकता में या सामाज सेवा के दिखावे के चक्कर में ऐसा कोई भी कार्य न करें, जिससे आपके परिवार को सारी जिंदगी किसी गंभीर संकटों से गुजरना पड़े, क्योंकि आपके परिवार के लिए आप ही सबसे बड़ी अमानत हैं. घर पर रहते हुए अपनी सुरक्षा का ध्यान रखते हुए अपनी क्षमता के अनुसार सभी की सहायता करें. जोश में होश ना खों बैठें.
हम रहेंगे तभी हमारा घर-परिवार, व्यापार, पैसा और समाज सुरक्षित रहेगा. परिवार को बचाने की बहुत बड़ी गंभीर चुनौती हमारे सामने है. हमारे परिवार जन, बच्चे ही हमारी असली पूंजी है, उनकी देख-भाल करना हमारा परम दायित्व है. सुरक्षित रहे, परिवार का ध्यान रखें. सरकारी नियमों का गंभीरता एवं कठोरता से पालन करें. सामाजिक, पारिवारिक एवं धार्मिक कार्यक्रमों से भी दूर रहने की कोशिश करें. 18 वर्ष से अधिक उम्र के सभी सदस्यों को कोरोना का टीका जल्द से जल्द लगवाएं. कोरोना ओडिशा में काफी से तेजी से फैल रहा है. हमें काफी जागरूक और सजग रहने की जरूरत है. हमारी छोटी सी लापरवाही न सिर्फ हमारे लिए खतरनाक साबित हो सकती है, अपित परिवार के साथ-साथ पड़ोस और समाज के लिए खतरे की स्थिति उपत्पन्न कर करती है.