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अखिल भारतीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता देशभर के शिक्षको के लिए सुअवसर – प्रो सिंघल

भुवनेश्वर. अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ से सम्बद्ध राज्यों के विद्यालय संगठनों की ऑनलाइन बैठक अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रो. जेपी सिंघल की अध्यक्षता में आयोजित हुई. बैठक की शुरुआत में महासंघ के महिला संवर्ग की संयुक्त सचिव ममता डी के द्वारा सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई.

इस अवसर पर अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ के राष्ट्रीय संगठन मंत्री महेंद्र कपूर ने बताया कि अखिल भारतीय राष्ट्रीय शैक्षिक महासंघ का उद्देश्य भारत मे शिक्षा जगत के लेखन के क्षेत्र में भी देश के शिक्षको को मंच देना है एवं उनकी विद्वता का लाभ उनके विचारों से प्राप्त लेख के माध्यम से उजागर होकर मिले जो उपयोगी साबित होगी, क्योंकि देश में शिक्षा जगत के मूर्धन्य कलमकारों की कमी नही है. अतः समाज के समसामयिक मुद्दों पर विचार करने हेतु अखिल भारतीय शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता 2021 का आयोजन किया जा रहा है. उसमें स्कूल शिक्षा के शिक्षको हेतु 4 विषय रखे गए हैं. पहला शिक्षा के माध्यम से ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ भावना को बढ़ाना, दूसरा ऑनलाइन शिक्षण की प्रभावशीलता, तीसरा बच्चों का समग्र विकास-मातृभाषा की भूमिका तथा चौथा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2021 क्रियान्वयन- अवसर और चुनौतियां.

इसमे भाग लेने हेतु 100 रुपये की टोकन राशि का भुगतान करके ऑनलाइन पंजीकरण करना है. शोध पत्र की शब्द सीमा 3000 से 5000 शब्द है. पत्र लेखन हिंदी, अंग्रेजी या मातृभाषा में कर सकते हैं और 31 मई 2021 तक सबमिट करना है. इसमें पुरस्कार स्वरूप 21000 का पहला,15000 का दूसरा, 11000 का तीसरा और 5100 के सात सांत्वना पुरस्कार प्रदान किये जाएंगे. निबंध पत्र लेखन प्रतियोगिता में देश के राज्यों से जिले, तहसील और विद्यालय तक किस तरह हमें मंडल बनाकर हर एक शिक्षक भाई-बहन के पास जाना है और शोध पत्र लेखन प्रतियोगिता में पंजीकरण कैसे करना है, इस बारे में सटीक जानकारी प्रदान की.

इस अवसर पर अखिल भारतीय अध्यक्ष प्रोफेसर जे.पी.सिंघल ने बताया कि कोरोना काल मे हम सब राज्य संगठन अपने अपने क्षेत्र में संगठन स्तर पर एवं इस आपदा से निपटने के लिए सरकार स्तर पर किए जा रहे कार्यों में पूर्ण मनोयोग से पूर्ण सावधानी रखते हुए कोरोना गाइडलाइन का पालन करते हुए सकारात्मक भाव से अपनी भूमिका निभाए.

इस अवसर पर इन्होंने विभिन्न राज्यों की समस्याओं के समाधान निमित्त जानकारी देते हुए इन्होंने बताया कि शिक्षा विभाग में वर्तमान में पुरानी पेंशन योजना लागू करने, पूर्व वेतनमान में रही विसंगतियों को दूर करने, हजारों रिक्त पद होने से छात्रों के अहित सहित कुछ समस्याएं मौजूद है, जिसके कारण उत्पन्न परेशानी एवं निराकरण के उपायों के बारे में व्यापक चर्चा बाद आवश्यक कार्यवाही की जाएगी. इस अवसर पर शैक्षिक महासंघ के अखिल भारतीय अधिकारी एवं विभिन्न राज्यो के अध्यक्ष, महामंत्री एवं संगठन मंत्री उपस्थित थे. बैठक का संचालन राष्ट्रीय महामंत्री शिवानन्द सिन्दनकेरा एवं आभार माध्यमिक संवर्ग के उपाध्यक्ष पी वेंकट राव ने प्रकट किया.

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