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ओडिशा में 15 मामलों में डबल म्यूटेंट वेरिएंट और 15 मामलों में यूके स्ट्रेन मिले
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डबल से खतरनाक है ट्रिपल म्यूटेशन की चाल
भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना वायरस के ट्रिपल म्यूटेशन का हाल सोमवार पता चल पायेगा. सोमवार को रिपोर्ट आनी है. इस बीच राज्य में अब तक किये जांचों में 15 मामलों में डबल म्यूटेंट वेरिएंट और 15 मामलों में यूके स्ट्रेन मिले हैं. यह जानकारी आज यहां इंस्टीट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज (आईएलएस), भुवनेश्वर के निदेशक अजय परिडा ने दी. ट्रिपल म्यूटेशन के बारे में बताते हुए कहा कि यह सिर्फ एक वैज्ञानिक नामकरण है. दोहरे उत्परिवर्तन के बाद अब यह ट्रिपल म्यूटेशन है, जिसका अर्थ है कि एक नया संस्करण बनाने के लिए तीन अलग-अलग कोविद स्ट्रेन का मिलना.
उन्होंने कहा कि ऐसी खबरें हैं कि कोरोना वायरस के ट्रिपल म्यूटेंट वैरिएंट को कोविद-19 का बंगाल स्ट्रेन भी कहा जाता है, जो अन्य उपभेदों की तुलना में अधिक संक्रामक है. यह पता लगाने के लिए अब तक कोई विस्तृत विश्लेषण नहीं किया गया है कि यह लोगों को कैसे प्रभावित करेगा. उन्होंने कहा कि जैसा कि पश्चिम बंगाल में कोरोनो वायरस के ट्रिपल म्यूटेंट वेरिएंट में पाया गया है, ओडिशा सरकार ने पड़ोसी राज्य के साथ सीमाओं को सील कर दिया है और यह सुनिश्चित करने के लिए अन्य उपाय किए हैं कि राज्य में नया वायरस न फैले. यह कदम एक स्वागत योग्य है.
जीनोम अनुक्रमण के बारे में परिडा ने कहा कि देशभर में इस साल पिछले साल दिसंबर से 15 मार्च तक 13,000 नमूनों का परीक्षण किया गया है. ओडिशा में 484 नमूनों का परीक्षण किया गया. इसमें 15 डबल उत्परिवर्ती उपभेदों और 15 यूके वेरिएंट दिखाए गए.
इसके अलावा, 15 मार्च से अब तक के नमूने जीनोम अनुक्रमण के लिए भेजे गए हैं. सोमवार तक रिपोर्ट मिल जाएगी. इससे पता चलेगा कि ओडिशा में वायरस का ट्रिपल म्यूटेंट मौजूद है या नहीं.