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राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने प्लेटिनम जुबली स्थापना दिवस मनाया

भुवनेश्वर. भाकृअनुप-राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान, कटक ने राष्ट्र की सेवा में अपनी गौरवमय यात्रा के 75 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में 23 अप्रैल 2021 को वर्चुअल मंच के माध्यम से प्लेटिनम जुबली स्थापना दिवस मनाया. भारत सरकार के माननीय केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के राज्य मंत्री, कैलाश चौधरी इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि थे. माननीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ. त्रिलोचन महापात्र और संजय कुमार सिंह, विशेष सचिव, डेयर और सचिव, आईसीएआर, नई दिल्ली की उपस्थिति में महाराजा कृष्ण चंद्र गजपति प्लेटिनम जुबली सभागार का उद्घाटन किया और ‘भारत में चावल अनुसंधान और विकास के लिए भविष्य का मार्ग’ शीर्षक पर आयोजित ‘प्लेटिनम जुबली राष्ट्रीय संगोष्ठी’ का भी उद्घाटन किया. इस अवसर पर, एक प्लेटिनम जुबली पोस्टल कवर और संस्थान के लगभग 40 प्रकाशनों को विमोचित किया गया और ओडिशा, पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड एवं आंध्र प्रदेश के 32 नवोन्मेष किसानों और महिला किसानों को मुख्य अतिथि और अन्य गणमान्य लोगों द्वारा सम्मानित किया गया. मुख्य अतिथि ने अपने संबोधन में जोर दिया कि संस्थान को जलवायु परिवर्तन की परिस्थितियों में चावल की खेती की उत्पादकता, लाभप्रदता और स्थिरता को बढ़ाने के लिए पर्यावरण के अनुकूल प्रौद्योगिकियों के प्रसार को मजबूत करने का लक्ष्य रखना चाहिए और प्राकृतिक संसाधनों को बिगाड़े बिना वैश्विक और राष्ट्रीय बाजारों में चावल की मांग को पूरा करना चाहिए. कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्र ने देश में हरित क्रांति में संस्थान के गौरवशाली अतीत और योगदान के बारे में वर्णन किया. डेयर के विशेष सचिव आईसीएआर, नई दिल्ली के सचिव संजय कुमार सिंह ने संस्थान की शानदार विकास यात्रा तथा इस महामारी की अवधि के दौरान वर्तमान की गतिविधियों की सराहना की. राष्ट्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ दीपंकर माईती ने अतिथियों का स्वागत किया और संस्थान के 75 वर्षों की अनुसंधान यात्रा के बारे में जानकारी दी. आईसीएआर, नई दिल्ली के खाद्य एवं चारा फसल विभाग के सहायक महानिदेशक डॉ वाई पी सिंह ने उद्घाटन सत्र में धन्यवाद ज्ञापन किया.
इस अवसर पर कृषि अनुसंधान एवं शिक्षा विभाग के सचिव एवं भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद, नई दिल्ली के महानिदेशक डॉ त्रिलोचन महापात्र की अध्यक्षता में प्रथम तकनीकी सत्र आयोजित किया गया, जिसमें राष्ट्रीय पादप जीनोम अनुसंधान संस्थान, नई दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ अखिलेश त्यागी ने ‘विकास के दौरान चावल जीन फ़ंक्शन का विश्लेषण’ पर एक प्रमुख भाषण दिया. राष्ट्रीय अजैविक स्ट्रैस प्रबंधन संस्थान, बारामती के निदेशक डॉ एच पाठक ने दूसरे तकनीकी सत्र की अध्यक्षता की तथा विभिन्न प्रतिष्ठित व्यक्तियों जैसे आईएआरआई, नई दिल्ली के निदेशक डॉ एके सिंह, एएसआरबी के सदस्य डॉ पी चक्रवर्ती, मैनेज, हैदराबाद के महानिदेशक डॉ पी चंद्रशेखर और एनआईएपी, नई दिल्ली के निदेशक डॉ सुरेश पाल ने फसल सुधार, प्राकृतिक संसाधन प्रबंधन, फसल सुरक्षा, कृषि-उद्यमशीलता और नीतिगत दृष्टिकोण के विभिन्न पहलुओं पर विचार-विमर्श किया.
प्लेटिनम जयंती समारोह पालन के रूप में साल भर उत्सव मनाया गया, जिसमें प्रतिष्ठित व्यक्तित्वों द्वारा व्याख्यान श्रृंखला के माध्यम से और विभिन्न शैक्षणिक प्रतियोगिताओं में स्कूली छात्रों, कर्मचारियों के बच्चों, परियोजना के कर्मचारियों और संस्थान के कर्मचारियों ने भाग लिया. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग, नई दिल्ली के मौसम विज्ञान के महानिदेशक डॉ मृत्युंजय महापात्र ने 22 अप्रैल 2021 को ‘कृषि के लिए मौसम का पूर्वानुमान’ पर एक व्याख्यान दिया गया. इस अवसर पर किसान-वैज्ञानिकों के बीच एक विचार-विनिमय कार्यक्रम आयोजित हुई जिसमें लगभग 50 किसानों ने लिंक के सहारे इस कार्यक्रम में भाग लिया. इसी दिन पुरी समुद्र-तट पर एक सैंड-आर्ट फेस्टिवल का भी आयोजन किया गया, जिसमें एनआरआरआई, कटक के अधिकारियों की उपस्थिति में पद्मश्री सुदर्शन पटनायक द्वारा सैंड-आर्ट के माध्यम से एनआरआरआई के पूर्व गौरव को दर्शाया गया.
स्थापना दिवस क अवसर पर मधुरम नामक एक सांस्कृतिक संध्या कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें कर्मचारियों, अध्येताओं, छात्रों और बच्चों ने भाग लि‍या.
संस्थान के लगभग 250 स्टाफ सदस्यों और अन्य आमंत्रित अतिथियों ने प्लेटिनम जयंती समारोह में वरचुअल मंच के माध्यम से भाग लिया. अंत में, प्लेटिनम जुबली समारोह समिति के आयोजन सचिव डॉ एस.के. मिश्र ने धन्यवाद ज्ञापन किया.

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