भुवनेश्वर. ओडिशा में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. ऐसे में देश के अन्य राज्यों में कोरोना के लिए इलाज में उपयुक्त दवा, इंजेक्शन की कालाबाजारी करने की घटना सामने आने के बाद ओडिशा सरकार के साथ पुलिस विभाग की चिंता बढ़ा दी है. इस कालाबाजारी को रोकने के लिए क्राइमब्रांच की तरफ से एक उच्चस्तरीय फ्लाइंग स्क्वाड गठन किया गया है. यह स्क्वाड पूरे प्रदेश में छापामारी करेगा.
क्राइमब्रांच एडीजी दायित्व में रहने वाले यशवंत जेठवा की अध्यक्षता में एक राज्य स्तरीय कमेटी का गठन किया गया है. इस कमेटी में स्वास्थ्य विभाग के एक संयुक्त सचिव स्तर के अधिकारी एवं ड्रग कंट्रोलर को शामिल किया गया है. इस कमेटी ने क्राइमब्रांच एसटीएफ के वरिष्ठ अधिकारियों को लेकर एक टास्क फोर्स का गठन किया है. यह टास्क फोर्स आज से तमाम जिलों में जांच करेगा. मुख्य रूप से निजी अस्पताल स्क्वाड के मुख्य रूप से स्कानर में है. कोविद इंजेक्शन प्रति व्यक्ति 10 हजार रुपये तक बेचे जाने की बात सामने आयी है. उसी तरह से दवा की कालाबाजारी भी व्यापक मात्रा में बढ़ गई है.
राज्य में कोरोना की दूसरी लहर में संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के बाद इस तरह की कालाबाजारी शुरू होने की बात सामने आ रही है. महाराष्ट्र, गुजरात में इस तरह की कालाबाजारी शुरू हुई थी, ऐसे में ओडिशा में भी कालाबाजारी होने का संदेह किया जा रहा है. इस कमेटी ने अपना ब्लू प्रिंट तैयार कर लिया है. ऐसे में दवा एवं इंजेक्शन तैयार करने वाली कंपनी से लेकर सप्लायर एवं विक्रेता तथा निजी अस्पताल सभी पर स्क्वाड नजर रखेगा.