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दिवंगत प्रत्याशी अजीत मंगराज की पत्नी को टिकट मिलने की संभावना
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भाजपा-बीजद ने अपनी-अपनी जीत का किया दावा
भुवनेश्वर. पिपिलि विधानसभा सीट के लिए उपचुनाव की तिथि घोषित होने के साथ ही राजनीतिक गलियारे में सरगर्मी बढ़ गयी है. कांग्रेस में दिवंगत प्रत्याशी अजीत मंगराज की पत्नी को टिकट मिलने की संभावना है. इधर, भाजपा और बीजद ने अपनी-अपनी जीत का दावा किया है. पिपिलि में मतदान अब 13 मई को होगा. 16 मई को मतगणना की जाएगी.
उल्लेखनीय है कि पिपिलि विधानसभा सीट से उपचुनाव 17 अप्रैल को होना था, लेकिन 14 अप्रैल को कांग्रेस प्रत्याशी अजित मंगराज की मौत हो गयी थी. इस कारण चुनाव स्थगित कर दिया गया था. अब चुनाव आयोग ने नयी तिथि की घोषणा की है. इसके अनुसार, इस उपचुनाव के लिए 19 अप्रैल को विज्ञप्ति जारी की जाएगी. नामांकन भरने की अंतिम तिथि 26 अप्रैल होगी. 27 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी. 29 अप्रैल तक नाम वापस लिये जा सकेंगे. 18 मई तक चुनावी प्रक्रिया समाप्त होगी.
इधर, कांग्रेस के दिग्गज नेता और विधायक सुरेश राउतराय ने उम्मीदवार की संभावनाओं के बारे में कहा कि स्वर्गीय प्रत्याशी अजीत मंगराज की पत्नी को अगर आने वाले चुनाव में मौका दिया जाए तो वह पार्टी के लिए विजेता साबित हो सकती हैं. पिपिलि में पार्टी की उम्मीदवारी के लिए हमारे पास पांच उम्मीदवार हैं, लेकिन अभी तक कुछ भी तय नहीं किया गया है. हालांकि, अगर अजीत मंगराज की पत्नी को मौका दिया जा सकता है, तो वह हमें पिपिलि में सीट जीत सकती हैं.
इस बीच, मतदान की तारीखों में बदलाव के बाद भाजपा के राज्य महासचिव, पृथ्वीराज हरिचंदन ने कहा कि परिणाम हमारे समर्थन में सामने आएंगे. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि मतदान 17 अप्रैल को या 13 मई को होता है.
सहानुभूति वोटों के बारे में मीडिया के सवालों पर हरिचंदन ने कहा कि यह तय करने के लिए कांग्रेस पर छोड़ दें, लेकिन यह वास्तव में हमें प्रभावित नहीं करेगा. मुझे पिपिलि सीट जीतने का यकीन है.
इसी तरह, बीजू जनता दल ने भी निर्वाचन क्षेत्र में अपनी जीत का दावा किया है. ओडिशा के जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दाश ने कहा कि पार्टी किसी भी कार्यक्रम के लिए तैयार है. हमारे कार्यकर्ता गांव स्तर के सभी मतदाताओं से जुड़े हुए हैं. और मैं आपको विश्वास दिलाता हूं कि हम पिपिलि में फिर से जीतेंगे.
उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने कांग्रेस उम्मीदवार के बाद 13 मई को पिपिलि उपचुनाव की तारीख को स्थानांतरित कर दिया था. अजीत मंगराज ने 14 अप्रैल को भुवनेश्वर के एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान मतदान के निर्धारित समय से ठीक तीन दिन पहले कोरोना से जंग हार गये थे.