कटक- श्रीमद्भागवत कथा के तीसरे दिन माहेश्वरी भवन में कथावाचक पं. श्री मोहनलालजी व्यास ने श्रोताओं को यह गूढ़ रहस्य की बात बताई। उन्होंने ध्रुव चरित्र का वर्णन करते हुए बताया कि जीवन मे हमें सदा सुरुचि का त्याग एवं सुनीति को ग्रहण करना चाहिए। आज की कथा में व्यास जी ने ध्रुव चरित्र, प्रियव्रत की कथा, जड़ भरतजी के द्वारा माँ काली के दर्शन, खगोल भूगोल का विज्ञान, अजामिल की कथा एवं अंत में प्रहलाद चरित्र और नरसिंह अवतार का विस्तार से वर्णन करते हुए कथा का समापन किया। इस अवसर पर समाज के बालक बालिकाओं द्वारा माँ काली एवं नरसिंह अवतार के अलौकिक झाँकीयों की खूब सराहना की गयी।
माहेश्वरी समाज द्वारा आयोजित भागवत कथा में कल राम अवतार एवं कृष्ण जन्मोत्सव की कथा का प्रसंग है। आयोजकों ने मारवाड़ी समाज के बंधुओं से निवेदन किया है कि वे इस कथा में पधारकर सत्संग का लाभ उठाएं।
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