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समलेई विकास योजना के तहत पुनर्वास पैकेज की घोषणा

  • पुजारियों को बीस लाख रूपए का पुनर्वास भत्ता एवं घर बनाने के लिए जमीन

  • सरकारी जगह पर घर बनाकर रहे रहे लोगों को 650 वर्गपूट जमीन

  • दुकानदारों को भी दी जाएगी सहायता

राजेश बिभार, संबलपुर

पुरी के श्री जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर पश्चिम ओडिशा की अधिष्ठात्री देवी मां समलेश्वरी मंदिर के विकास की रूपरेखा तैयार की गई है। इसके लिए सर्वेक्षण का कार्य समाप्त हो गया। जमीन अधिग्रहण एवं पुनर्वास को लेकर पिछले कुछ दिनों से योजनाओं पर विचार मंथन किया जा रहा है। शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने इस महत्वकांक्षी परियोजना को गति प्रदान करते हुए समलेई विकास योजना के तहत पुनर्वास एवं मुआवजे के पैकेज का अनुमोदन कर दिया है। मुख्यमंत्री के इस पदक्षेप के बाद अब बहुत जल्द श्रीश्री समलेश्वरी मंदिर परिसर में विकास कार्य आरंभ हो जाएगा। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री पटनायक ने समलेश्वरी मंदिर परिसर के विकास के लिए स्थानीय जनसाधारण द्वारा किए गए त्याग को नमन किया है और कहा कि ओडिशा के इतिहास में युगों तक यह त्याग को याद रखा जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार पुनर्वास एवं मुआवजा का खाका कुछ इस तरह तैयार किया गया है।

बेसरकारी जगहों पर घर बनाकर रह रहे लोगों के घरों का अधिग्रहण किया जाएगा, और इसके बदले में तत्संभव मुआवजा प्रदान किया जाएगा। मंदिर के पुजारियों को जमीन के बदले जमीन दिए जाने की सुविधा की गई है। यदि प्रदान किए गए जमीन का मूल्य पुजारियों के मूल जमीन के बाजार दर से कम हुआ तो उसके मूल जमीन के तर्ज पर ही मुआवजा प्रदान किया जाएगा। इसके साथ ही पुजारियों को बीस लाख रूपए का पुनर्वास भत्ता प्रदान किए जाने की व्यवस्था की गई है। पुजारियों को परिवहन एवं अन्यान्य सुविधा हेतु एक लाख रूपए की राशि तत्काल प्रदान किए जाने की व्यवस्था भी की गई है। प्रत्येक परिवार को 12 माह के लिए दस हजार रूपया मकान किराया प्रदान किया जाएगा। बेसरकारी जमीन पर दुकान चलानेवाले लोगों से उनकी दुकानों को खरीदा जाएगा और मुआवजा कानून 2013 के तहत उन्हें उनके दुकान की कीमत प्रदान की जाएगी। उन दुकानदारों को अन्य जगहों पर स्थापित करने हेतु एक लाख रूपए की सहायता दो चरणों में प्रदान किया जाएगा। दुकान हटाने से पहले एक किश्त एवं बाद में एक और किश्त प्रदान किया जाएगा। सरकारी जगहों पर घरबार बनाकर रहनेवाले लोगों को 50 हजार रूपए की सहायता एवं 650 वर्गफीट जमीन प्रदान की जाएगी। इसके अलावा मंदिर के विकास कार्य को लेकर विस्थापित हो रहे अन्य लोगों को भी मुआवजा एवं पुनर्वास की सुविधा प्रदान की जाएगी। इस बैठक में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के साथ पश्चिम ओडिशा विकास परिषद अध्यक्ष असित त्रिपाठी, मुख्य सचिव सुरेशचंद्र महापात्र, 5 टी सचिव वीके पांडियन समेत अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

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