भुवनेश्वर. विधायक जयनारायण मिश्र ने कहा कि मुझे नहीं पता कि मैंने स्पीकर पर वास्तव में क्या फेंका, लेकिन मैंने कुछ भी गलत नहीं किया. विधानसभा अध्यक्ष इस तरह के व्यवहार के हकदार थे. मिश्र ने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष को संविधान व नियम-कानूनों के अनुसार काम करना चाहिए, लेकिन उन्होंने ने ऐसा नहीं किया है. उन्होंने कहा कि पहले तो उन्होंने कार्य स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा की अनुमति नहीं दी. बाद में वह बिना चर्चा के बिल पारित करवा रहे थे. प्रतिपक्ष के नेता खड़े होकर बोलना चाह रहे थे, लेकिन उन्होंने उन्हें भी बोलने की अनुमति नहीं दी. यदि विधानसभा अध्यक्ष संविधान के अनुसार, काम नहीं करते हैं, तो स्वाभाविक है इसकी प्रतिक्रिया होनी थी. यदि अत्याचार, अनाचार के खिलाफ आवाज उठाने पर निलंबन किया जाता है, तो हम इसका स्वागत करते हैं. उन्होंने कहा कि मैं दुःखी नहीं हूं.
विष्णु सेठी ने किया आरोप का खंडन
विष्णु सेठी ने इस आरोप का खंडन किया है. उन्होंने कहा कि मैंने स्पीकर पर जूते नहीं फेंके. मैंने सिर्फ एक पेन और हेडफोन फेंका था. हमें सदन में बोलने का मौका नहीं दिया जा रहा था. वह एकतरफा काम कर रहे थे.
निलंबन से मैं दुःखी नहीं हूं – मोहन माझी
वहीं और एक निलंबित विधायक मोहन माझी ने कहा कि वह भी किसी प्रकार से दुःखी नहीं हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने किसी प्रकार का अनैतिक कार्य नहीं किया है, जो कि उन्हें दुःख होगा. उन्होंने कहा कि विधानसभा अध्यक्ष बीजद पार्टी के नेता के रूप में कार्य कर रहे हैं. विधानसभा अध्यक्ष को निष्पक्ष होकर कार्य करना चाहिए, लेकिन उन्होंने ऐसा काम नहीं किया है. बिना चर्चा के वह बिल पारित करवाना चाहते थे, इसलिए उसका विरोध हुआ.
निलंबन के बाद विधायकों ने किया विरोध प्रदर्शन
विधानसभा अध्यक्ष के सदन से बाहर निकलने के निर्देश के बाद तीन विधायकों के साथ-साथ भाजपा के सभी विधायक विधानसभा से निकल आये और परिसर में गांधीजी की मूर्ति के नीचे धरने पर बैठक गये और इस निर्णय का विरोध किया.