कटक. जिले के आठगढ़ वन प्रभाग में खुंटुनी रेंज के अंतर्गत रानीबनिया आरक्षित वन में एक हाथी का क्षत-विक्षत शव बरामद हुआ है. हालांकि हाथी के मौत के सही कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है, लेकिन वन विभाग के सूत्रों ने आशंका जतायी है कि इसकी की मौत के पीछे वायरल संक्रमण हो सकता है.डीएफओ गोपीनाथ सुरदर्शन यादव ने कहा कि यह मृत हाथी एक मादा थी. आशंका है कि किसी भी वायरल संक्रमण के कारण इसकी मृत्यु हुई होगी. इसकी उम्र लगभग 45 वर्ष थी. उन्होंने कहा कि 8-10 दिन पहले इसकी मृत्यु हुई होगी. वन विभाग ने मृत शरीर को दफन कर दिया है. उल्लेखनीय है कि पिछले साल नवंबर में खुंटुनी रेंज के तहत घुमघसुआ पहाड़ी जंगल से एक हाथी का शव बरामद किया गया था.
इधर, मंगलवार को राज्य विधानसभा में वन एवं पर्यावरण मंत्री विक्रम केशरी आरुख ने बताया किओडिशा में बीते 11 सालों में 843 हाथियों की मौत हुई है. यह आंकड़ा साल 2010-11 से लेकर 22 मार्च, 2020-21 की अवधि के भीतर का है. मंत्री ने कहा था कि राज्य में 14 हाथी गलियारे और तीन हाथी संरक्षित (ईआर) की पहचान की गई है. इन गलियारों और रिजर्वर की बहाली के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के तहत और क्षतिपूर्ति वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कंपा) के तहत पिछले 10 वर्षों में कुल 1070.69 लाख रुपये खर्च किए गए हैं. हाथियों को पर्याप्त जगह उपलब्ध कराने के लिए दो ईआर का विस्तार करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के विचाराधीन है.
संबलपुर एलीफेंट रिजर्व के 426.91 वर्ग किमी के मौजूदा क्षेत्र को 1797.048 वर्ग किमी और महानदी एलीफेंट रिजर्व के 1038.3 वर्ग किमी क्षेत्र को 2,181.521 वर्ग किमी तक विस्तारित करने की सिफारिश की गई है.
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