भुवनेश्वर. ओडिशा में बीते 11 सालों में 843 हाथियों की मौत हुई है. यह आंकड़ा साल 2010-11 से लेकर 22 मार्च, 2020-21 की अवधि के भीतर का है. यह जानकारी मंगलवार को राज्य विधानसभा में वन एवं पर्यावरण मंत्री विक्रम केशरी आरुख ने दी.
भाजपा विधायक मोहन चरण माझी के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए मंत्री ने कहा कि राज्य में 14 हाथी गलियारे और तीन हाथी संरक्षित (ईआर) की पहचान की गई है.
इन गलियारों और रिजर्वर की बहाली के लिए केंद्र और राज्य सरकार की विभिन्न परियोजनाओं के तहत और क्षतिपूर्ति वनीकरण कोष प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (कंपा) के तहत पिछले 10 वर्षों में कुल 1070.69 लाख रुपये खर्च किए गए हैं.
आरुख ने आगे बताया कि हाथियों को पर्याप्त जगह उपलब्ध कराने के लिए दो ईआर का विस्तार करने का प्रस्ताव राज्य सरकार के विचाराधीन है.
संबलपुर एलीफेंट रिजर्व के 426.91 वर्ग किमी के मौजूदा क्षेत्र को 1797.048 वर्ग किमी और महानदी एलीफेंट रिजर्व के 1038.3 वर्ग किमी क्षेत्र को 2,181.521 वर्ग किमी तक विस्तारित करने की सिफारिश की गई है.
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