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आश्वासन के बाद भी किसानों से धान खरीद नहीं होने का आरोप
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भाजपा विधायकों ने की खरीद की समय सीमा को 15 अप्रैल तक बढ़ाने की मांग
भुवनेश्वर. राज्य सरकार द्वारा आश्वासन दिये जाने के बाद भी किसानों से धान की खरीद नहीं की जा रही है. इस कारण किसान भारी परेशानियों का सामना करना कर रहे हैं. इसलिए इस मामले को लेकर विभागीय मंत्री सदन में बयान दें तथा धान की खरीद की अंतिम तारीख 31 मार्च को बढ़ाकर 15 अप्रैल किया जाए. इस मांग को लेकर मुख्य विपक्षी पार्टी भाजपा के विधायकों ने शनिवार को विधानसभा में नारेबाजी करते हुए हंगामा किया. विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने उन्हें ऐसा ना करने का अनुरोध बार-बार किया, लेकिन वे नहीं माने. इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने गतिरोध को खत्म करने के लिए सदन को सुबह 11:49 बजे से शाम 4:00 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की. इस कारण आज सदन में कार्य स्थगन प्रस्ताव नोटिस पर चर्चा नहीं हो सकी.शून्य काल में इस मुद्दे को उठाते हुए प्रतिपक्ष के नेता प्रदीप्त नायक ने कहा कि राज्य सरकार ने आश्वासन दिया था कि किसानों से धान की खरीद की जाएगी. इस मुद्दे को लेकर भाजपा विधायक मुख्यमंत्री को बुलाने गए थे और उन्होंने आश्वासन दिया था कि धान की खरीद होगी, लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि इसके बावजूद भी किसानों से धान की खरीद नहीं हो रही है. 31 मार्च को धान की खरीद की अंतिम तिथि है. आगामी दिनों में दो दिन अवकाश है. ऐसे में इस मामले को लेकर विभाग के मंत्री सदन में बयान दें. उन्होंने कहा कि अनेक किसानों का धान नहीं खरीदा जा सका है. इसलिए इसकी जो अंतिम तिथि 31 मार्च है उसे बढ़ाकर 15 अप्रैल कर दिया जाए. अगर यह नहीं किया जाता है तो सदन नहीं चल सकता.
इसके बाद भाजपा विधायक सदन के बीच में आ गए एवं हंगामा और नारेबाजी करने लगे. भाजपा विधायक विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम पर चढ़ने का प्रयास करते देखा गया. उधर, संसदीय मामलों के मंत्री विक्रम केशरी आरुख ने कहा कि आज खाद्य आपूर्ति विभाग के मंत्री के विभाग के लिए चर्चा होना है. ऐसे में अपने उत्तर में विभागीय मंत्री धान की खरीद के संबंध में उत्तर देंगे. इसलिए भाजपा के विधायकों को चाहिए कि वे चर्चा में भाग लें और इस मुद्दे को उस दौरान उठाएं. इसलिए अब वे अपनी सीट पर चले जाएं और सदन की कार्यवाही में सहयोग करें.विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र ने भी बार-बार भाजपा विधायकों से कहा कि चूंकि आज खाद्य आपूर्ति मंत्री के विभाग के पर चर्चा होनी है, इसलिए उस समय विधायक इस मामले को उठाएं. विभाग के मंत्री इसकी उत्तर देंगे, लेकिन भाजपा विधायक उनकी बात नहीं मानी. वे हंगामा करते रहे. इस कारण गतिरोध को समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को 11.49 से शाम 4:00 बजे तक स्थगित कर दिया.