तन्मय सिंह, राजगांगपुर
शाम होते ही विद्या के मंदिर का प्रांगण मयखाने में तब्दील हो जाता है और 100 साल पुरानी संस्कृति की सीने पर शराब का जाम छलकने लगता है. यह सूरत-ए-हाल है ओडिशा के सुंदरगढ़ जिले के राजगांगपुर स्थित लालबाबा मजार के पास लगभग 100 वर्ष प्राचीन गोपबंधु हाई स्कूल के खेल मैदान का.
हर दिन शाम होते ही इस मैदान में शराबियों और नशेड़ियों का जमावड़ा होता है और सुबह मैदान कचरे के चादर में लिपटा होता है. कहीं दारू की बोलत तो कहीं सिगरेट के पैकेट बिखरा होता है. चखने के पैकेट, कागज जहां-तहां पड़े होते हैं. खेल मैदान में प्रतिदिन कचरे का अंबार बिखरा रहता है.
स्थानीय प्रशासन की अनदेखी के कारण असामाजिक तत्वों और शराबियों का इस मैदान में रात तक जमावड़ा लगा रहता है. शराब पीने वाले तथा टर्की का कश लगाने वाले स्कूल के इस खेल मैदान में शाम होते ही अपना शौक पूरा करने को जमते हैं. नशेड़ियों की अड्डेबाजी स्कूल के इस मैदान के लिए मुसीबत बनती जा रही है. जहां पर यह स्कूल है वह इलाका आवासीय है. आस-पास बहुत से घर हैं. उन घरों से निकलने वाले कचड़ा भी इस मैदान में चारों तरफ बिखरा रहता है.
सांसों में बेदम करती है दुर्गंध
विद्यालय के मैदान में फैले कचरे की ढेर से निकलने वाली दुर्गंध से लोगों व बच्चों का बुरा हाल हो जाता है. दुर्गंध से स्कूल के छात्र एवं आसपास रहनेवाले लोग परेशान हैं, लेकिन इसके लिए स्थानीय लोग भी जिम्मेदार हैं, क्योंकि वे भी अपने घरों के कचरों को यहां फेंकते हैं.
बच्चों को होती है परेशानी
सुबह-सुबह स्कूल आने पर बच्चों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मैदान में जगह-जगह शराब की खाली बोतलें, पानी के पाउच व अन्य कचरे बिखरे मिलते हैं. इससे उनको कक्षाओं तक जाना भी मुश्किल भरा हो जाता है. कई बार तो असामाजिक तत्व द्वारा शराब पीकर बोतल तोड़कर फेंकने से उनके पैरों में चुभ जाता है. इस स्कूल के मैदान की ठीक से रखरखाव ना होने से दिन पर दिन हालत बद से बदर होते जा रहे हैं.
स्कूल प्रबंधन बेपरवाह
जिस मैदान में स्कूल के छात्रों की खेलने की जगह है, उस मैदान की इस दुर्दशा को लेकर विद्यालय प्रबंधन भी बेपरवाह है. हालात पर स्कूल प्रबंधक की नजर भी नहीं पड़ रही है. अगर विद्यालय प्रबंधन ही निद्रा में है तो और प्रशासन को कहां से खबर होगी. हालांकि नगरपालिका के सफाई विभाग के कर्मचारियों पर भी लोगों ने सोने का आरोपा लगाया है. उनका कहना है कि सफाई विभाग आखिर क्या कर रहा है. नगरपालिका के इस रवैये से लोगों में आक्रोष देखने को मिला है.