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स्वास्थ एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव ने किया खुलासा
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इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय कोरोना प्रसंग नए मोड़ पर
इन हालातों में मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषी कर्मचारियों के खिलाफ ठोस से ठोस कार्रवाई की जाए। यहांपर बताते चलें कि इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय के 25 छात्रों के कोरोना ग्रस्त होने का मामला सार्वजनिक होते ही संबलपुर समेत बुर्ला एवं हीराकुद में आतंक का वातावरण बन गया था। कोरोना की वापसी को लेकर लोग अपने स्वास्थ्य को लेकर चिंतित नजर आ रहे थे। जिला प्रशासन ने एहतियात बरतते हुए वीर सुरेन्द्र साय इंजीनियरिंग विश्वविद्यालय समेत आसपास के इलाके को कंटेनमेंट जोन एवं विश्वविद्यालय के तीन हॉस्टेल को बफर जोन घोषित कर दिया। विश्वविद्यालय को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया तथा परीक्षाएं भी स्थगित कर दिया गया। अब जब स्वास्थ्य सचिव ने अधिकारिक तौरपर साफ कर दिया है कि किसी भी विद्यार्थी को कोरोना नहींं है तो इतनी बड़ी गलती की जिम्मेदारी किसी न किसी को तो लेनी ही पड़ेगी। यदि प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे पर जल्द से जल्द उचित कदम नहीं उठाया तो आनेवाले दिनो में लोग सड़क पर उतरकर आंदोलन करने को विवश होंगे। स्वास्थ्य सचिव के इस सकारात्मक बयान के बाद विश्वविद्यालय के विद्यार्थी, अधिकारी एवं कर्मचारियों ने राहत की सांस लिया है।