भुवनेश्वर. राज्य सरकार किसानों के लिए अनेक योजनाएं चला रही है। प्रदेश सरकार किसान हितैषी बनने का दावा करते नहीं थकती मगर सच्चाई यह है कि किसान अपनी उपज बेचने के लिए परेशान हो रहा है। पाललहडा एवं अनुगुल इलाके से खबर है कि किसानों ने शिकायत की है कि मंडियों में धान की खरीद बंद हो जाने से उनका धान पड़ा हुआ है। ढेंकानाल जिले के बलदिआबंध बाइंसिआ, राईतला इलाके में 493 किसानों ने जिलाधीश से शिकायत की है कि टोकन होने के बावजूद उनसे धान नहीं खरीदा जा रहा है। धान की खरीद के लिए 13 फरवरी को मंडी आने को कहा गया था किसान धान लेकर मंडी पहूंचे मगर मंडी नहीं खुलने से टोकन होने के बावजूद किसान धैन नहीं बेच सके हैं।
सरकारी आंकड़े के अनुसार अब तक ढेंकानाल जिले के 30 हजार 294 किसान अपना धान मंडियों में दे चुके हैं जबकि और तकरीबन 20 हजार पंजाकृत किसान धान बेच नहीं पाए हैं। किसानों ने जिलाधीश से तुरंत इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए किसानों की समस्या दूर करने की मांग की है। पाललहडा,ब्लाक के करडापाल, खेमला और बडसडा पंचायत के किसानों ने भी जिलाधीश के कार्यालय जाकर मामले में हस्तक्षेप करते हुए पंजीकृत किसानों से धान की खरीद के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है। ऐसी ही शिकायत अनुगुल जिले के अंगपडा, हिमितिरा इलाके से आई है। यहां मंडियों में ताला पडा हुआ है जिसके चलते किसान अपनी उपज बेच नहीं पा रहे हैं। किसानों का आरोप है कि उनके पास टोकन तो है मगर धान लेकर मंडी पहूंचने के बावजूद मंडी से धान नहीं खरीदा जा रहा है। इससे किसान धान की रखवाली करने के लिए रात-रात पहरेदारी करने को मजबूर हैं। सरकारी उदासीनता के खिलाफ अंगपड़ा और हिमितिरा के किसानों ने सहकारिता समिति कार्यालय में ताला जड दिया है।
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