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सदन की कार्यवाही बार-बार हुई स्थगित, हंगामे की भेंट चढ़ा प्रश्नकाल व शून्यकाल
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कुल सात बार सदन स्थगित, सर्वदलीय बैठक में भी नहीं निकला समाधान
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विपक्षी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने फाइबर का शीशा उतार फेंका
भुवनेश्वर. किसानों की विभिन्न समस्याओं को लेकर आज ओडिशा विधानसभा में कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गयी. किसानों से धान को खरीदने में सरकार विफल होने, धान की खरीद में भ्रष्टाचार होने, मंडी ना खोलने आदि मुद्दों को लेकर विधानसभा में शुक्रवार को विपक्षी भाजपा व कांग्रेस के विधायकों ने जमकर हंगामा किया. इस कारण बैठक को बार-बार स्थगित करना पड़ा. प्रथमार्ध में दो बार व दूसरी पाली में पांच बार विधानसभा को स्थगित करना पड़ा. गतिरोध समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पात्र द्वारा आहुत बैठक में भी समाधान नहीं निकल सका. दूसरी पाली की बैठक में विधानसभा अध्यक्ष ने सदन में हंगामे के बीच राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा का कार्यक्रम जारी रखा.
निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, सदन की कार्यवाही सुबह 10:30 बजे शुरू हुई. विधानसभा अध्यक्ष के प्रश्नकाल शुरू करने की घोषणा के साथ कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा किया. कांग्रेस विधायकों का कहना था कि किसानों से संबंधित कार्य स्थगन प्रस्ताव को आज कार्य सूची में स्थान नहीं मिला है. इसके बाद भाजपा विधायक विधायकों ने भी किसानों के मुद्दे पर शामिल होकर नारेबाजी की. भाजपा विधायकों ने अपने हाथों में पोस्टर पकड़े हुए थे. कांग्रेस विधायकों ने कहा कि सब कुछ रद्द कर सदन में किसानों से संबंधित समस्याओं पर चर्चा की जाए. कांग्रेस के विधायक तारा प्रसाद बाहिनीपति ने विधानसभा अध्यक्ष के पोडियम के ऊपर चढ़ने का प्रयास किया. विधानसभा अध्यक्ष सूर्य नारायण पत्र ने हंगामा कर रहे विधायकों से अपनी-अपनी सीट पर जाकर प्रश्नकाल कार्यक्रम में शामिल होने का निवेदन किया, लेकिन विपक्षी विधायकों पर उनकी अपील का कोई प्रभाव नहीं देखा गया. उन्होंने अपना हंगामा व नारेबाजी जारी रखी. इस कारण विधानसभा अध्यक्ष ने 10.31 बजे से सदन को दोपहर 11:30 बजे तक स्थगित कर दिया. इसके बाद 11:30 बजे सदन की कार्यवाही जब दोबारा शुरू हुई तो विपक्षी विधायकों ने किसानों के मुद्दे पर ही दोबारा हंगामा शुरू कर दिया.
इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने विधानसभा सत्र के प्रारंभ होने से पूर्व 17 फरवरी को हुई सर्वदलीय बैठक का बैठक के निर्णय के बारे में जानकारी दी. हंगामे के बीच वह जानकारी देते रहे. उन्होंने विधायकों से अपील की अपनी-अपनी सीटों पर चले जाएं, ताकि विधानसभा में कामकाज हो सके, लेकिन विधायकों ने उनकी बात नहीं सुनी और हंगामा जारी रखा. इस कारण 11:30 जबे से विधानसभा अध्यक्ष ने सदन को दोपहर 4:00 बजे तक स्थगित करने की घोषणा की.
दूसरी पाली की बैठक शाम को चार बजे शुरु हुई. इसमें भी समान मुद्दे को लेकर भाजपा व कांग्रेस के विधायकों ने हंगामा जारी रखा. गतिरोध समाप्त करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष ने सर्वदलीय बैठक बुलायी. चर्चा लंबा चली और सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा. इसके बाद भी गतिरोध समाप्त नहीं हुआ. विपक्षियों ने हंगामा जारी रखा. विपक्षी विधायकों ने विधानसभा अध्यक्ष के सामने फाइबर का शीशा उतार फेंका. विधानसभा अध्यक्ष मार्शलों के बीच बोलते देखे गये. विधानसभा अध्यक्ष ने राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा के लिए बीजद के विधायक अमर सतपथी व बाद में स्नेहांगिनी छुरिया को बुलाया. दोनों ने हंगामे के बीच अपनी बातें रखी. इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही को शनिवार सुबह 10.30 बजे तक स्थगित कर दिया.