मयूरभंज. केवल एक पखवाड़े में कलाहांडी जिले के करलापट अभयारण्य में छह हाथियों की मौत के बीच मयूरभंज में रायरांगपुर वन प्रभाग के बिसोई रेंज के अंतर्गत तंगरो रिजर्व फॉरेस्ट में एक बाघ के हमले में एक हाथी के बच्चे की मौत हो गयी है. वन विभाग के एक अधिकारी ने मीडिया को यह जानकारी देते हुए कहा कि लगभग 4-5 महीने की आयु के हाथी के शव को कुंजकचा गांव के बाहरी इलाके में कुछ लोगों ने देखा. उन्होंने तुरंत स्थानीय वन कर्मियों को सूचित किया. आनन-फानन में जांच के लिए एक दल रिजर्व फॉरेस्ट एरिया में पहुंचा. मीडिया से बात करते हुए रायरंगपुर में सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) नवीन चंद्र सिंह ने बताया कि इस हाथी की आयु 4-5 महीने है. इस क्षेत्र में बाघ के पद चिह्न देखे गए हैं. इस हाथी की मौत के कारणों की जांच के लिए वन प्रभाग की एक टीम मौके पर गई थी. जांच के दौरान भारतीय वन्यजीव ट्रस्ट के एक वरिष्ठ अधिकारी और एक पशु चिकित्सा अधिकारी भी मौजूद थे.
बाघों द्वारा हाथियों पर हमला किए जाने के इस तरह के मामले अधिकांशतः निराले हैं, क्योंकि बड़े झुंडों में वे चलते हैं. दावा किया गया है कि हाथियों का एक झुंड पिछले कुछ दिनों से इलाके में घूम रहा था और 2-3 दिन पहले इस हाथी की मौत हो गई थी. वह झुंड से काफी दूर भटक गया था. इस पर पीछे से हमला किया गया था और इसकी सूंड खा ली थी. लोगों का यह भी कहना है कि इसको शिकार बनाने से पहले बाघ ने तीन मवेशियों को मार डाला था. वन विभाग के अधिकारी बाघ की हरकत पर नज़र रखने की कोशिश कर रहे हैं.