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ओडिशा में कांग्रेस के छह घंटे के बंद से जनजीवन प्रभावित

  • यातायात व्यवस्था प्रभावित, दुकानें व व्यवसायिक प्रतिष्ठान रहे बंद

भुवनेश्वर. पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी व अन्य मुद्दों को लेकर सोमवार को कांग्रेस की ओर से आहूत ओडिशा बंद से जनजीवन प्रभावित हुआ. इस दौरान राज्य के विभिन्न स्थानों पर सड़कों पर आवाजाही बाधित रही. आंदोलनकारियों ने कुछ स्थानों पर ट्रेनों को रोक कर रखा. सुबह छह बजे से दोपहर एक बजे तक बुलाये गये इस बंद के दौरान दुकानें व व्यवसायिक प्रतिष्ठान बंद रहे. दोपहर एक बजे के बाद स्थिति सामान्य हो गई. बंद को ध्यान में रखकर प्रशासन द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. खबर लिखे जाने तक कहीं से किसी बड़ी घटना की सूचना नहीं थी.
पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, सुबह सात बजे से ही कांग्रेस कार्यकर्ता राजधानी भुवनेश्वर के विभिन्न चौक-चौराहों समेत राज्य के विभिन्न शहरों में सड़कों पर उतरे. अनेक स्थानों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. अनेक स्थानों पर टायर जलाकर सड़क अवरोध किया, जबकि कुछ स्थानों पर रस्सी के जरिये सड़क को अवरोध करते देखा गया. छह घंटे के इस बंद के दौरान सड़कों पर आटो या सिटी बस नहीं दिखे.
भुवनेश्वर में मास्टर कैंटीन चौक व अन्य महत्वपूर्ण चौकों पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने वाहनों को रोका. भुवनेश्वर स्थित बरमुंडा बस अड्डे पर यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. यहां हजारों की संख्या में यात्री फंसे दिखे. भुवनेश्वर में ऑटो सेवा प्रभावित हुई है और सड़कों पर ऑटो व टैक्सी नहीं चली. राजधानी भुवनेश्वर के साथ साथ कटक, बलांगीर, कोरापुट, जाजपुर, केन्दुझर आदि शहरों में भी जनजीवन प्रभावित हुआ है.
उल्लेखनीय है कि प्रदेश कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि कोरोना के बाद से ही पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढ़ रही हैं. पेट्रोल की कीमत 89 व डीजल की 87 रुपये पहुंच चुकी है. डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी के कारण परिवहन खर्च अधिक हुआ है. इस कारण सामान महंगे हो रहे हैं. गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों का जीना दूभर हो रहा है. राज्य व केन्द्र दोनों सरकारें किसान, मजदूर व आम लोगों की विरोधी हैं. राज्य में महिला उत्पीड़न, राजनीतिक हिंसा, बच्चों के लापता होने का मामला चरम पर है. केन्द्र व राज्य सरकार दोनों के खिलाफ राज्य के किसानों में गुस्सा है. इन सभी मुद्दों को लेकर यह आंदोलन किया गया.प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने शनिवार को बंद को पूर्ण रूप से शांतिपूर्ण करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं से अपील की थी. उन्होंने कहा था कि बंद के समय अस्पताल, डॉक्टर, नर्स, पारामेडिकल स्टाफ, दमकल, एंबुलेंस, दूघ के वाहन आदि को न रोका जाए.

बंद को ध्यान में रखते हुए स्कूलें बंद रहे
कांग्रेस द्वारा आहूत बंद को ध्यान में रखकर राज्य के विद्यालय व जनशिक्षा विभाग ने स्कूलों को बंद रखने की घोषणा की थी. इस कारण आज स्कूलें बंद रहे. विद्यालय व जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दास ने कहा था कि कांग्रेस द्वारा आयोजित बंद के कारण बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है.

गैर सरकारी बसें भी सड़कों पर नहीं चलीं
कांग्रेस द्वारा बुलाये गये बंद को ध्यान में रखकर राज्य में निजी बसें सड़कों पर नहीं थीं. निजी बस मालिक संघ का कहना था कि बंद को ध्यान में रखकर सुबह सात से एक बजे तक बसों को नहीं चलाया जाएगा.

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