भुवनेश्वर. राजधानी क्षेत्र चंदका इलाके में महिला की सिर कटी लाश की शिनाख्त हो गयी है. उसकी पहचान पुष्पलता राउल (28) के रूप में की गयी है. उसके हाथ टैटू से उसकी मां ने शिनाख्त की है. इसका शव 4 फरवरी को शहर के बाहरी इलाके में पाया गया था.
इस मामले में गुरुवार को कमिश्नरेट पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया और उनकी हत्या के रहस्य को सुलझाने का दावा किया. पुलिस आयुक्त सुधांशु षाड़ंगी ने कहा कि अपराध वैवाहिक कलह से पैदा हुआ था.
इधर, शुक्रवार को एक निजी चैनल से बात करते हुए पीड़िता की मां मिनाति बारिक ने कहा कि मेरे कुछ परिचितों ने बताया कि पुष्पलता का कुछ पता नहीं चल रहा है. उसका मोबाइल फोन स्विच ऑफ हो गया है. मैं पूछताछ करने के लिए भुवनेश्वर चली गयी. इस बीच मैंने पुलिस द्वारा जारी बिना शरीर की तस्वीर एक अखबार में प्रकाशित पाया. पीड़ित के हाथ पर टैटू और शरीर के पास एक शॉल पड़ी हुई थी. इस तस्वीर को देखने से ही मैंने अपनी बेटी की पहचान की.
उन्होंने कहा कि इसके बाद वह फिर चंदका पुलिस के पास पहुंची और अपनी बेटी की पहचान का खुलासा किया. उन्होंने कहा कि मैंने जांच के लिए अगले चार दिनों तक पुलिस का सहयोग किया.
पुलिस ने कहा कि पुष्पलता की हत्या तीन फरवरी को किसी वैवाहिक कलह के चलते गला दबाकर कर दी गई थी. उसका सिर विहीन शव भुवनेश्वर के बाहरी इलाके में भरतपुर-चंदका मार्ग पर फेंक दिया गया था. शरीर से कुछ 2 किलोमीटर दूर गंभीर सिर को दफना दिया गया था. गिरफ्तार दोनों आरोपियों संजय उर्फ अंगद दास और श्रीकांत दास उर्फ चंदू के की गयी पूछताछ के बाद सिर के अवशेष एक खाई से बरामद किया गया. मिनती ने आरोपी को फांसी की सजा की मांग की है.
मुख्य आरोपी संजय के साथ अपनी बेटी के रिश्ते पर प्रकाश डालते हुए मिनाती ने कहा कि हालांकि मेरी बेटी संजय के साथ रह रही थी, लेकिन उसने उसे खाना नहीं देता था. वह उसे प्रतिदिन सिर्फ 10 रुपये देता था. उन्होंने कहा कि मैं पुष्पलता को उसके जीवनयापन के लिए 2000-3000 रुपये प्रति माह देती थी. मिनती ने कहा कि उसने अपनी बेटी को अपने पहले पति प्रीतिरंजन पति और दो बेटियों को छोड़ने के बाद त्याग दिया था.
मामले की जांच के लिए निजी सूत्रों ने कहा कि पुष्पलता ने संजय के साथ आपसी संबंध विकसित की थी, जो शुरू में किराए पर अपने निवास पर रहते थे. पति की मौत के बाद पुष्पलता कथित रूप से संजय के करीब हो गई.
संजय को लेकर मिनती ने कहा कि पुष्पलता को पिछले आठ साल से जानता था. हालाँकि पुष्पलता भरतपुर में तारिणी नगर बस्ती में रहने लगी थी, लेकिन वह अक्सर उससे मिलने आती थी. एक महीने पहले पुष्पलता फिर से संजय के साथ रहने लगी.
बाद में पुष्पलता ने प्रीतिरंजन से शादी कर ली और चकइसाणी इलाके में उसके साथ रहने लगी. इसके बाद उसने फिर से प्रीतिरंजन को छोड़ दिया और संजय के साथ रहने लगी.
बताया गया है कि 3 फरवरी को किसी विवाद के बाद संजय ने कथित तौर पर पुष्पलता की गला दबाकर हत्या कर दी और अपने दोस्त श्रीकांत की मदद से शव को ठिकाने लगाने की योजना बनाई. दोनों ने तब आइगिनिया बाजार से सर्जिकल दस्ताने और चाकू की एक जोड़ी खरीदी. फिर उन्होंने कथित तौर पर सिर को काट दिया और भरतपुर-चंदका सड़क के किनारे शव को अलग-अलग दफना दिया.