बारिपदा. उत्तराखंड के चमोली जिले में विनाशकारी ग्लेशियर के फटने की घटना में लापता होने वालों में ओडिशा के मयूरभंज जिले का एक युवक भी लापता है. ओडिशा के लापता होने वालों की संख्या बढ़कर दो गयी है. इससे पहले भद्रक निवासी एक युवक के लापता होने की बात सामने आयी थी. आज मयूरभंज के बरईपड़ा क्षेत्र के खूंटा ब्लॉक के अंतर्गत बांगर गाँव के रहने वाला युवक ऋषि गंगा पावर प्रोजेक्ट में एक मजदूर के रूप में लगा हुआ था. उनके परिवार के सदस्यों ने कहा कि वह घटना के दिन से ही लापता है. उनसे संपर्क करने में विफल चिंतित परिवार के सदस्यों ने आज मयूरभंज जिला कलेक्टर से मुलाकात की और उनके सुरक्षित बचाव के उपाय करने की गुहार लगाई. इससे पहले भद्रक जिले के बाँसड़ा प्रखंड के जशीपुर पंचायत के अंतर्गत कुडनकांथि गाँव के रबी दास के पुत्र नागार्जुन दास के लापता होने की खबर आयी थी. यह युवक 5 नवंबर, 2020 से उत्तराखंड में चमोली जिले के तपोवन क्षेत्र के रेनी गाँव में बिजली परियोजना में बिजली मिस्त्री के रूप में काम कर रहा था. संदेह है कि संदिग्ध ग्लेशियर के फटने से आई भारी बाढ़ में सैकड़ों मजदूरों के साथ नागार्जुन भी बह गया है. इस घटना की खबर मिलने के बाद उसकी पत्नी ने उससे बात करने की काफी कोशिशें की, लेकिन संपर्क नहीं हो सका. इसके बाद नागार्जुन की पत्नी लिपुस्मिता ने अपने परियोजना अधिकारी से बात की, जिन्होंने बताया कि नागार्जुन लापता है, क्योंकि अलकनंदा और धौलीगंगा नदियों में अचानक आई बाढ़ के कारण कई श्रमिक लापता हैं.
देहरादून के राज्य आपातकालीन नियंत्रण केंद्र ने बताया कि चमोली के हिमस्खलन प्रभावित इलाकों में अब तक 32 शव अलग-अलग स्थानों से बरामद किए गए हैं, जिनमें से आठ की पहचान कर ली गई है जबकि 174 लोग अभी भी लापता हैं.
600 से अधिक सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल, राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल और सशस्त्र सीमा बल के जवान तलाशी और बचाव कार्य में लगे हुए हैं.
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