भुवनेश्वर. पेट्रोल व डीजल की कीमतों में लगातार बढ़ोत्तरी व अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस ने आगामी 15 फरवरी को ओडिशा बंद का आह्वान दिया है. प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निरंजन पटनायक ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि पेट्रोल व डीजल की कीमत लगातार बढ़ रहे हैं. आंध्र प्रदेश कोटिया पर कब्जा कर रही है एवं राज्य सरकार नींद में है. माहंगा में राजनीतिक हत्या हुई है. इस मामले में भी सरकार किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं कर रही है.
उन्होंने कहा कि कोरोना के बाद से ही पेट्रोल व डीजल की कीमतें बढ़ रही है. भुवनेश्वर में पेट्रोल की कीमत 87 रुपये है, जबकि मालकानगिरि में इसकी कीमत 90 रुपये प्रति लीटर हो चुकी है. डीजल की कीमत में लगातार बढ़ोत्तरी के कारण परिवहन खर्च अधिक हुआ है. इस कारण सामान महंगे हो रहे हैं. गरीब व मध्यम वर्ग के लोगों का जीना दुभर हो रहा है. इसके खिलाफ व अन्य मुद्दों को लेकर कांग्रेस सुबह सात बजे से दोपहर एक बजे तक बंद करने का आह्वान दिया गया है. उन्होंने राज्य की जनता से इसे सफल बनाने की अपील की है.
उल्लेखनीय है कि ओडिशा सरकार ने अपनी अस्मिता की लड़ाई लड़ने का फैसला किया है और आंध्र प्रदेश के रवैये को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती देगी. रिपोर्टों के अनुसार, इसके लिए कोरापुट के अतिरिक्त जिला कलेक्टर और सरकारी वकील ने कटक में महाधिवक्ता से मुलाकात कर चुके हैं और कानूनी रूप से पड़ोसी राज्य से लड़ने के लिए रोड मैप पर चर्चा कर चुके हैं. सूत्रों ने बताया कि आंध्र प्रदेश में कोटिया क्षेत्र में पंचायत चुनाव कराने से आंध्र को रोकना ओडिशा सरकार की पहली प्राथमिकता है.
हालांकि ओडिशा सरकार के अधिकारियों ने अभी तक इस बारे में कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन वरिष्ठ सूत्रों ने कहा कि राज्य के लिए एकमात्र आशा है केंद्र सरकार, सुप्रीम कोर्ट नहीं. बकौल सूत्र महाधिवक्ता ने कहा कि राज्य गृह मंत्रालय के साथ इस मामले को उठा सकता है. इधर, सीमावर्ती क्षेत्रों में छात्रों को हो रही समस्याओं को दूर करने के लिए ओडिशा का दौरा करने वाली गृह कमेटी के प्रमुख मोहम्मद सरीफ ने कल कहा कि दोनों राज्यों को चर्चा के माध्यम से इस मुद्दे को हल करना चाहिए.
इस मुद्दे पर बोलते हुए, ओडिशा स्कूल और जनशिक्षा मंत्री समीर रंजन दाश ने कहा था कि व्यक्तिगत स्तर पर, मैंने सदन समिति के अध्यक्ष और सदस्यों से कहा है कि कोटिया में जो कुछ भी हुआ वह सही नहीं है. इस बीच कोटिया के स्थानीय लोगों ने स्पष्ट रूप से कारण बताया कि वे आंध्र प्रदेश की ओर क्यों बढ़ रहे हैं.