-
25 से स्थानीय भक्तों को दर्शन करने को होगी अनुमित
-
पुरी में नहीं होगा जीरो नाइट सेलिब्रेश
प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी
महाप्रभु श्री जगन्नाथ का मंदिर 23 दिसंबर से खुलेगा. पहले दो दिन सेवायतों के पारिवारिक सदस्य और उसके बाद 25 से पुरी के भक्तों को दर्शन के लिए अनुमति होगी. जिला प्रशासन ने आज 23 दिसंबर से कोविद-19 दिशानिर्देशों का कड़ाई से पालन करने के साथ सभी धार्मिक स्थलों को फिर से खोलने का फैसला किया. जगन्नाथ मंदिर में सभी भक्तों के लिए जनवरी में दर्शन की अनुमति मिलेगी. पुरी जिलाधिकारी बलवंत सिंह ने आज एक जिलास्तरीय बैठक के बाद इसकी घोषणा की है. उन्होंने बताया कि संबंधित तहसीलदार, पुलिस स्टेशन के आईआईसी, मंदिर समिति के सदस्य और पंचायत प्रतिनिधि चर्चा करेंगे और निर्धारित मानक परिचालन प्रक्रिया के अनुसार जिले में सभी मुख्य मंदिरों को फिर से खोलने का निर्णय लेंगे. विश्व प्रसिद्ध श्रीमंदिर (जगन्नाथ मंदिर) को फिर से खोलने के संबंध में कलेक्टर ने बताया कि पहले दो दिनों (23 दिसंबर और 24 दिसंबर) को देवताओं के दर्शन के लिए केवल सेवायतों के परिवारिक सदस्यों को अनुमति होगी.
पुरी शहर के निवासियों को 25 दिसंबर से दर्शन की अनुमति दी जाएगी. उन्हें सुबह से शाम तक चरणों में नगरपालिका वार्ड-वार में अनुमति दी जाएगी. कलेक्टर ने इस बात पर भी जोर दिया कि शहरवासियों को कतार में एक अनुशासित तरीके से खड़ा किया जाएगा, जिसमें सामाजिक भेद का पालन, सेनिटाइज़र का उपयोग और सभी कोविद के दिशानिर्देशों का पालन करना होगा. मीडिया को संबोधित करते हुए पुरी कलेक्टर बलवंत सिंह ने कहा कि 31 दिसंबर को केवल हमारे शहर के लोगों को दर्शन की अनुमति दी जाएगी. हम इस शहर में आने वाले पर्यटकों के लिए हमारी सामान्य यातायात व्यवस्था और प्रवर्तन करेंगे. नए साल की पूर्व संध्या पर जीरो नाइट सेलिब्रेशन नहीं होगा. कोरोना को लेकर हमें बुनियादी सुरक्षा का पालन करने की आवश्यकता है. उन्होंने सभी से अनुरोध किया कि भीड़-भाड़ वाली जगहों पर न जाएं, ठीक से मास्क का इस्तेमाल करें और केंद्र और राज्य सरकार दोनों के दिशा-निर्देशों का पालन करने में सहयोग करें.
12 दिसंबर को छत्तीसा नियोग की बैठक के बाद एसजेटीए के मुख्य प्रशासक कृष्ण कुमार ने जानकारी दी थी कि भीड़भाड़ के मद्देनजर एक और दो जनवरी को श्रीमंदिर में देवताओं का कोई दर्शन नहीं होगा. सभी भक्तों के लिए दर्शन 3 जनवरी से फिर से शुरू होगा और इसके लिए एसओपी जारी किया जाएगा. अधिकतम 5000 भक्तों को 3 जनवरी से श्रीमंदिर में दर्शन की अनुमति होगी. भक्तों के लिए मास्क और सेनिटाइजर का उपयोग अनिवार्य किया जाएगा.