भुवनेश्वर । जाजपुर स्थित नीलाचल इस्पात के निजीकरण के खिलाफ व इसे चालू करने की मांग को लेकर सोमवार को विभिन्न ट्रेड यूनियनों की ओर से सोमवार को भुवनेश्वर में रैली निकाली गई तथा विरोध प्रदर्शन किया गया। विरोध प्रदर्शन के बाद ट्रेड यूनियनों का एक प्रतिनिधि दल मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन मुख्य़ सचिव को सौंपा। ट्रेड यूनियनों की ये रैली मास्टर कैंटिन चौक से प्रारंभ होकर लोवर पीएमजी चौक पहुंची। इस आंदोलन में इंटक, एटकस एचएमएस, सीटू व नीलाचल बचाओ संयुक्त मंच से जुड़े लोग मजदूर, कर्मचारी व विस्थापित जनता शामिल हुए। ट्रेड यूनियनों के पदाधिकारियों ने कहा कि 1981 में केन्द्र व राज्य सरकार की सहभागिता में ओडिशा का दूसरा इस्पात कारखाना नीलाचल इस्पात निगम की स्थापना करने का निर्णय किया गया था। 2002 से इसमें उत्पादन शुरु हुआ। वर्तमान में 1.1 मिलियन टन उत्पादन क्षमता वाले इस संय़ंत्र में से केन्द्र सरकार के एमएमटीसी के पास 49.9 प्रतिशत, एनएम़डीसी के पास 13.2 प्रतिशत, भेल व मेकन के पास 10.9 प्रतिशत. ओडिशा खनिज निगम के पास 19 प्रतिशत तथा इपीकाल के पास 7 प्रतिशत शैयर हैं। वर्तमान में कच्चा माल की कमी दर्शा कर इसे बंद कर दिया गया है। अब इसकी निजीकरण के बारे में निर्णय लिय़ा जा रहा है। सरकार इससे बाज आये तथा इसका निजीकरण न कर कंपनी को घाटे में पहुंचाने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करे। सरकार इसे अपने नियंत्रण में ही रखे। अन्यथा आगामी दिनों में आंदोलन और तेज होगा।
Check Also
महाप्रभु श्री जगन्नाथ की धरती पर कवियों ने शब्दों में गढ़े विश्व एकता के संदेश
राम, अली, रसखान और कबीर को बताया सामाजिक समरसता की नींव नेताओं के दलबदल से …