अशोक पांडेय, भुवनेश्वर
भुवनेश्वर में पहली बार घर-घर में आयोजित चार दिवसीय छठ महापर्व 21 नवंबर को सुबह 6.00 बजे निर्जला छठव्रतधारियों द्वारा उगते सूरज को भोर का अंतिम अर्घ्य प्रदान कर तथा ठेकुआ पारनकर संपन्न हो गया. गौरतलब है कि ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक की अपील के अनुसार, इस वर्ष सभी व्रतधारियों ने अपने-अपने घर पर ही पोखर तैयार कर 20 नवंबर को सायंकाल 4.30 बजे से लेकर 05 बजे तक अस्ताचलगामी भगवान सूर्यदेव को सायंकाल का पहला अर्घ्य दिया था.
बीती रात रातभर जगकर व्रतधारियों ने छठ परमेश्वरी के भजन-गायन में अपने आपको निमग्नकर अपने साथ-साथ भुवनेश्वर को कोरोनामुक्त होने की प्रार्थना छठव्रतधारियों ने की. भुवनेश्वर लोककल्याणकारी संस्था ‘‘बिश्वास’’ के आजीवन सक्रिय सदस्य एम पी ठाकुर ने बताया कि उनका परिवार भी छठ भुवनेश्वर में अपने घर में मनाया और उनकी बेटी प्रियंका ने भी सपरिवार आस्ट्रेलिया के मेलबार्न में पूरी आस्था के साथ छठ मनाया. प्राप्त जानकारी के अनुसार ‘‘बिश्वास’’ के महासचिव चन्द्रशेखर सिंह की ओर से भुवनेश्वर में जो सदस्य छठ नहीं किये थे उनके घर उन्होंने अपनी ओर से छठ का प्रसाद ठेकुआ भेजवाया.
वहीं स्थानीय प्रशासन तथा पुलिस प्रशासन से मुख्यमंत्री की अपील पर भुवनेश्वर में छठ अपने-अपने घर में मनाने की अपील का आदर करते हुए बिहारी छठव्रतधारियों ने आज सुबह उगते सूरज को पवित्र दुग्ध,जल से अर्घ्य देकर तथा ठेकुआ प्रसाद का पारनकर अपना व्रत तोड़ा. कोरोना के संक्रमण के चलते भुवनेश्वर में पहली बार 2020 का चार दिवसीय छठ महापर्व शांतिपूर्व तरीके से संपन्न हो गया. छठ करनेवाले परिवार के मुखिया डा अभय कांत पाठक ने आज सुबह में ओडिशा सरकार के अनेक आला अधिकारियों को अपने निवासस्थल पर सादर आमंत्रितकर उन्हें छठ प्रसाद सेवन कराया.