Home / Odisha / “छैलछबीली”

“छैलछबीली”

क्यों रहती हो गुपचुप गुपचुप कुछ तो बोलो बात करो।
मैं पागल हूँ तेरे प्यार में आओ तुम मुलाकात करो।।
भीगी पलकें लेकर बैठी सूज रही तेरी आँखें।
नजर उठाओ देखो मुझको तरस रही मेरी आँखें।।
तुम सी सुन्दर श्याम सलोनी बातें गोरी राधा सी।
रूप की रानी छेलछबीली लगती हो अनुराधा सी।।
प्यारी प्यारी प्रेम दुलारी जैसे चाँद चकोरी सी।
सजी धजी लगती हो ऐसे ज्यों फ़ागुन में होरी सी।।
शस्य श्यामला हरी भरी मेरे खेत की क्यारी हो?
कितनी देखी पसन्द न आई तुम तो सबसे न्यारी हो।।
फिर भी नख़रे नहीं दिखाती दिल ही दिल से बात करे।
रात रात भर नींद न आये सपने में मुलाकात करे।।
दिल की चाबी तेरे पास मैं अलीगढ़ का ताला हूँ।
गोरा चिट्टा राधा जैसा नहीं श्याम सा काला हूँ।।
कजरारी आँखों से घायल भँवरे सा रस पान करूँ।
तुम रानी हो मेरे दिल की कभी नहीं अपमान करूँ।।
कामांगी तुम ऐसे आना जैसे खुशबु फूलों से।
अली कली में कभी न मरता मरता सिर्फ असूलों से।।
मधुमक्खी सा काम करो मधु बनाना मत छोड़ो।
दिल से नाता जोड़ लिया अब खेंचतान कर मत तोड़ो।।
आलिंगन चुम्मन कामुकता छोड़ो कुछ हम और बनें।
तुम बनो मोरनी राधा की और श्याम के मोर बनें।।
हृदयांगन में नृत्य करें रस बनकर निकले नैनो से।
तन की प्यास बुझाने खातिर तृप्त करो तुम बैनों से।।
किशन खंडेलवाल, भुवनेश्वर

Share this news

About desk

Check Also

धान खरीद में कटनी व छटनी की प्रक्रिया होगी बंद

बरगढ़ जिले में 20 नवंबर से शुरू होगी धान की खरीद किसानों के हित में …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *