भुवनेश्वर. ओडिशा के उद्योग जगत के एक प्रमुख नाम नीलाचल इस्पात निगम को एक निजी कंपनी को बेचने के लिए केन्द्र व राज्य सरकार द्वारा साजिश रची जा रही है. कांग्रेस ने भाजपा व बीजद पर यह आरोप लगाते हुए इस मामले में स्पष्टीकरण मांगा है. प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में आयोजित पत्रकार सम्मेलन में पार्टी के वरिष्ठ नेता तथा पूर्व वित्त मंत्री पंचानन कानूनगो ने कहा कि बीजद व भाजपा लोगों के बीच एक-दूसरे से लड़ने का दावा कर रही हैं, लेकिन वास्तविकता यह है कि केन्द्र व राज्य सरकार मिलकर ओडिशा के खदान, पानी, जल व कारखानों को बेचने को लेकर सहमत दिखाई दे रही हैं. उन्होंने कहा कि राज्य में बीजद सरकार किस उद्देश्य को लेकर भाजपा के समक्ष आत्मसमर्पण कर चुकी है यह समझ में नहीं आ रहा है. उन्होंने कहा कि 13 अगस्त 2020 को शाम को चार बजे एक बैठक में नीलाचल के शेयर की बिक्री के लिए प्रस्ताव को अनुमोदन दिया गया है. उस बैठक में केन्द्रीय मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान, पीयूष गोयल व हरदीप सिंह पुरी उपस्थित थे. अब इसी बीच कंपनी के निजीकरण को लेकर एक और कदम बढाया गया है. राज्य के मुख्य सचिव भी इस मामले को लेकर काफी जल्दी में होने का प्रमाण दे रहे हैं. कारखाना के लिए खदान, जल आपूर्ति व रोड कनेक्टिविटी अब पूरी तरह हो चुकी है. दोनों सरकारों को लगता है कि अब इसे बेचने का सही समय है. उन्होंने कहा कि इस निर्णय से पांच हजार कर्मचारियों के रोजगार छिनेगा. जान-बूझकर सरकार ने गत कुछ माह से इसमे काम बंद कर दिया है. वहां के कर्मचारियों को दो माह से वेतन नहीं मिले हैं. अब लोगों के हितों की अनदेखी करते हुए भाजपा व बीजद अपनी निजी स्वार्थ व कमिशन के लिए इस कंपनी को बेचने के लिए आमादा हैं. भाजपा व बीजद को इस बारे में राज्य की जनता से जवाब देने की आवश्यकता है.
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