
भुवनेश्वर. कोरोना रोगियों को घर में संगरोध में अनुमति देने के साथ ही राज्य के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण विभाग ने फेवीपिरवीर टैबलेट के उपयोग को लेकर एक मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) साझा की है. इसमें कहा गया है कि रोगी के स्वास्थ्य के आंकलन के बाद प्रशिक्षित डाक्टरों की सलाह पर इस दवा का सेवन करना चाहिए. लक्षण वाले मरीज अपने घर पर फेवीपिरवीर के माध्यम से एंटीवायरल थेरेपी का लाभ उठा सकेंगे. इसमें कहा गया है कि पांच दिनों की दवा लेने के बाद रोगी की देखरेख प्रशासन तथा विशेष रूप से प्रशिक्षित रैपिड रिस्पांस टीम (आरआरटी) करेगी. वे उपचार के संबंध में रोगी की काउंसलिंग भी करेंगे. यदि कोई मरीज किसी भी प्रतिकूल प्रतिक्रिया या स्थिति को खराब करेगा तो आरआरटी रोगी को कोविद देखभाल सुविधा में स्थानांतरित कर सकती है. साथ में यह भी सलाह दी गयी है कि जिलास्तर पर एक नोडल अधिकारी को नामित किया जाए जो दवा की आपूर्ति, वितरण और अन्य रसद व्यवस्था के समन्वय के लिए जिम्मेदार होगा. इसके अतिरिक्त, कलेक्टरों, नगर निगमों को चिकित्सकों, रोगियों और आरआरटी के बीच संचार की सुविधा के लिए एसएमएस, व्हाट्सएप, ईमेल और या टेलीमेडिसिन के माध्यम से संपर्क प्रणाली बनाने के लिए कहा गया है. इस नियम को कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है.
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