भुवनेश्वर. कोरोना महामारी के बीच बिजली की दरों में बढ़ोत्तरी किये जाने को मामले में विपक्षी पार्टियों द्वारा लाये गये कार्यस्थगन प्रस्ताव पर विधानसभा में गुरुवार को चर्चा हुई. इस दौरान विपक्षी विधायकों ने जहां राज्य सरकार को इस कदम को जनविरोधी बताते हुए इसे वापस लेने की मांग की, वहीं राज्य सरकार ने कहा कि बिजली की दरों में सामान्य बढ़ोत्तरी की गई है और यह स्थिति को ध्यान में रखकर आवश्यक भी था. कार्यस्थगन प्रस्ताव पर चर्चा का उत्तर देते हुए राज्य के बिजली मंत्री दिव्यशंकर मिश्र ने कहा कि बिजली की दरों के बारे में निर्णय अनेक बातों को ध्यानमें रखकर लिया जाता है. सात साल की बाद बिजली की दरें बढ़ाई गई है. किसान, बीपीएल परिवारों के लिए दरें नहीं बढ़ाई गई हैं. उन्होंने कहा कि 50 यूनिट से अधिक इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए दर में बढ़ोत्तरी की गई है. प्रति यूनिट 20 पैसे की बढ़ोत्तरी की गई है. केवल एक दो राज्यों को छोड़कर सभी राज्यों का बिजली की दर ओडिशा से अधिक हैं. कांग्रेस विधायक संतोष सिंह सालुजा ने कहा कि पड़ोसी छत्तीसगढ़ में बिजली की दरें ओडिशा से कम है. राज्य सरकार बड़ी-बड़ी कंपनियों के बिजली का करोड़ों रुपये का बिल लंबित है. उसे वसूलने के बजाय सरकार लोगों पर वह भार डाल रही है.
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