संबलपुर. संबलपुरी भाषा को संवैधानिक स्वीकृति प्रदान किए जाने की मांगपर पिछले कुछ सालों से अंचल में जोरदार संग्राम छिड़ा हुआ है. संस्कृति, भाषा एवं साहित्य को सर्वोपरि माननेवाले लोग अपने-अपने प्रयासों से इस आंदोलन को आगे ले जा रहे हैं. इन हालातों में रविवार को अधिष्ठात्री देवी मां समलेश्वरी पीठ पर संबलपुरी वर्णमाला पुस्तक का लोकार्पण किया गया. संबलपुरी लीपी में लिखी यह पुस्तक आनेवाले दिनों में संस्कृति, भाषा एवं साहित्य की मान्यता को लेकर चल रहे आंदोलन को और सशक्त करेगा. इस बर्णबोध की रचना हेमबरण ने किया है. पुस्तक लोकार्पण के दौरान शहर के अनेकों साहित्य प्रेमी समलेश्वरी मंदिर में उपस्थित थे.
