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पुरी में प्रशासन कहीं सख्त तो कहीं नरम

  • श्रीमंदिर के सामने उमड़े श्रद्धालु पर नहीं पड़ी नजर

  • कार्रवाई के दौरान बेतहासा जुर्माना लोगों की तोड़ रहा कमर

  • मोबाइल से वार्तालाप करने के लिए पुलिस ने लगाया 5000 जुर्माना

प्रमोद कुमार प्रृष्टि, पुरी

कोरोना महामारी के दौरान पुरी जिले में प्रशासन कहीं सख्त नजर आ रहा है, तो कहीं उनके रुख का पता ही नहीं चल रहा है, कहीं नरमी बरती जा रही है. कोरोना के विस्तार में नियंत्रण के नाम पर कार्रवाई के दौरान लोगों पर ठोंका जा रहा जुर्माना आर्थिक कमर तोड़ रहा है. इससे लोगों में गुस्से देखने को मिल रहा है. कोरोना को लेकर जारी लाकडाउन व शटडाउन में वैसे ही लोगों की अर्थव्यवस्था तबाह हो चुकी है. ऐसी स्थिति में मनमाना जुर्माना लोगों को और आर्थिक तंगी के गड्ढे में ढकेल रहा है. इससे लोगों में गुस्सा व्याप्त है. कोरोना पाबंदी के चलते पुरी स्थित महाप्रभु जगन्नाथ का श्रीमंदिर  श्रद्धालुओं के लिए 20 मार्च से बंद है.  इसीलिए  श्रीमंदिर सिंहद्वार  के सामने  पतित पावन जी  के दर्शन के लिए कल  श्रद्धालुओं की  भीड़ उमड़ पड़ी.

इस दौरान ना तो सामाजिक दूरी का ध्यान रहा और ना ही ठीक से मास्क पहहने की चिंता. यहां पर कोई भी कानून का पालने के लिए तैयार नहीं है, जबकि जिले में कोरोना दिनों दिन अपना पैर पसारते जा रहा है. कोरोना मरीज की संख्या में वृद्धि हो रही है. राज्य में पहले नंबर पर खुर्दा, दूसरे पर कटक, तीसरे स्थान पर पुरी आ चुका है. फिर भी खुल्लम-खुल्ला लोग घूम रहे हैं. श्रीमंदिर के सामने दिनभर भारी मात्रा में भीड़ हो रही है.

अब राज्य सरकार, केंद्र सरकार की अनलॉक-4 के तहत मिली ढील के कारण अन्य जिलों से अन्य अन्य  राज्य से  पुरी में श्रद्धालु पहुंचकर भगवान जगन्नाथ जी के दर्शन के उद्देश्य से श्रीमंदिर के मुख्य दरवाजे से लेकर अन्य दरवाजों पर पहुंच रहे हैं. समुद्र तट पर भी भीड़ जमने के दृश्य देखने को मिले हैं. इस दौरान कोविद नियमों का उल्लंघन देखने को मिल रहा है. यहां प्रशासन रवैया नरम दिख रहा है, लेकिन जब वह कार्रवाई कर रहा है, तो उसका रवैया सख्त दिख रहा है. हालही में गाड़ी चलाते समय मोबाइल से वार्तालाप करने के लिए 5000 जुर्माना पुलिस ने लगाया है.

मोबाइल पर बातचीत करने वाले कांग्रेस युवा छात्र संगठन के एक प्रमुख नेता मधुबन के आशुतोष मिश्रा को ट्राफिक की तरफ से 5000 रुपये का ई-चालान प्रमाण के साथ भेजा गया है. इसको लेकर नेता ने असंतोष जाहिर की है. प्रशासन ने जो चालान भेजा है, उसमें एक तस्वीर में दिखाया गया है कि वे फोन पर बात कर रहे हैं. मिश्रा ने असंतोष जाहिर किया है कि कोरोना को रोकने की जगह पर जुर्माना वसूलने पर जो दिया है. आर्थिक तंगी में इतना जुर्माने का लोगों ने भी विरोध जताया है. लोगों को कहना है कि जनता की मजबूरियों का ख्याल रखना भी प्रशासन की जिम्मेदारी है.

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