-15 जिलों के जिलाधिकारियों को एसआरसी कार्यालय ने जारी की एडवाइजरी
-किसानों परामर्श देगा ओयूएटी
भुवनेश्वर – राज्य के लोग संभावित तूफान को लेकर किसी प्रकार का आशंकित न हों, क्योंकि अभी तक यह तूफान किस ओर जाएगा और उसकी गति क्या होगी, इस बारे में कुछ भी स्पष्ट नहीं है । राज्य सरकार पूर्ण रुप से तैयार है । इसलिए राज्य की जनता को आतंकित होने की आवश्यकता नहीं है । राज्य के विशेष राहत कमिशनर प्रदीप जेना ने एक संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही। उन्होंने कहा कि मौसम विभाग के भुवनेश्वर स्थित केन्द्र से मिली जानकारी के अनुसार, उत्तर अंडमान सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र अब डिप्रेशन का रुप ले लिया है । वर्तमान में यह पारादीप से 950 किमी दूर स्थित है। आगामी 12 घंटों में यह डिप डिप्रेशन का रुप लेगा । आगामी दिनों में इसकी रूप रेखा क्या होगी और किस दिशा में यह आगे बढे़गा अभी यह स्पष्ट नहीं है । ऐसी भी संभावना है कि यह ओडिशा के तट को स्पर्श न करे । इसलिए लोगों को भयभीत होने की आवश्यकता नहीं है । उन्होंने कहा कि मछुआरों को आगामी 8 नवंबर तक वापस आने के लिए सलाह दी गई है ।
संभावित बारिश व तूफान को लेकर ओडिशा कृषि व तकनीकी विश्वविद्यालय (ओयूएटी) द्वारा एडवाइजरी जारी की जाएगी । कृषि मंत्री अरुण साहू ने विश्वविद्यालय को इस संबंध में निर्देश दिया है । उन्होंने कहा कि किसानों को बारिश होने की स्थिति में क्या करना चाहिए, इस बारे में कृषि विश्वविद्यालय किसानों को जानकारी देगी। खेतों से कैसे पानी का निष्कासन होगा, धान की कटाई कैसे करनी है तथा फसलों में कीडा कैसे नहीं लगेगा इस पर किसानों को सलाह दी जाएगी । संभावित बारिश व तूफान के आशंका के बीच मंगलवार को राज्य के विशेष राहत कमिशनर कार्यालय ने प्रदेश के 15 जिलों के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर सतर्क रहने के लिए कहा है । जिन जिलों के जिलाधिकारियों को एडवाइजरी जारी किया गया है, उनमें पुरी, बालेश्वर, भद्रक, केन्द्रापड़ा, जगतसिंहपुर, बौद्ध, कोरापुट, रायगड़ा, नवरंगपुर, गंजाम, गजपति, नुआपड़ा, मालकानगिरि, कंधमाल व कलाहांडी जिले शामिल हैं । उत्तर अंडमान सागर में बना कम दबाव का क्षेत्र अब डिप्रेशन का रुप ले लिया है । वर्तमान में यह पारादीप से 950 किमी दूर स्थित है। आगामी 8 नवंबर को ओडिशा के तट पर बारिश हो सकती है ।