अशोक कुमार पांडेय, भुवनेश्वर. कोरोना महामारी के संक्रमण को ध्यान में रखकर प्रत्येक कवि के बीच दो गज की दूरी और चेहरे पर मास्क के साथ उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय, सत्यनगर में जानेमाने स्थानीय गजल गायक मुरारीलाल लढानिया की अध्यक्षता में एक काव्य संध्या का आयोजन किया गया. इसमें कवि मुरारीलाल लढानिया, सुप्रिय नाग, प्रज्ञा अग्रवाल, नारायण मावतवाल, शशि मिमाणी, गीतकार राम किशोर शर्मा, सजन लढानिया, हास्य अदाकर कवि किशन खण्डेलवाल तथा हेमंत तिवारी आदि ने अपनी-अपनी कविताओें का सस्वरपाठ किया. उद्घाटन परिचय देते हुए पुस्तकालय के संगठन सचिव अशोक पाण्डेय ने बताया कि सितंबर हिन्दी का महीना है, जिसमें अभी-अभी शिक्षक दिवस मनाया गया. साथ-साथ मदर टेरेसा दिवस भी मनाया गया. उत्कल अनुज हिन्दी पुस्तकालय अपनी परम्परा के तहत बड़े-बुजुर्ग कवियों का ससम्मान कविता पाठ सुनता है तथा उनका हरप्रकार से मान-सम्मान भी करता है.
इसके लिए पुस्तकालय के मुख्य संरक्षक सुभाष भुरा बधाई के वास्तविक हकदार हैं, जिन्होंने भुवनेश्वर में यह वातानुकूलित पुस्तकालय अपनी ओर से भेंटकर निःस्वार्थ समाजसेवा का आदर्श प्रस्तुत किया है. अवसर पर एक तरफ जहां बनवारीलाल लढानिया और रामकिशोर शर्मा ने अपने-अपने प्रस्तुत गीतों द्वारा काव्य संध्या का यादगार सिलसिला आरंभ कर दिया, वहीं कवियों ने स्वरचित कवितापाठ प्रस्तुति द्वारा उपस्थित लोगों का भरपूर मनोरंजन किया. उभरती हुई बाल कवयित्री प्रज्ञा अग्रवाल ने दिनकर की कविताओं का सस्वर पाठकर सभी को मंत्रगुग्ध कर दिया. सबसे अच्छा तब लगा जब पहली बार पुस्तकालय में पधारे शशि मिमाणी ने मधुशाला का सस्वर पाठकर अपनी काव्य प्रतिभा का बेजोड़ परिचय दिया. किशन खण्डेलवाल ने कोरोना महामारी के संक्रमण पर आधारित अपनी कविता प्रस्तुत की, जबकि हेमंत तिवारी ने गुगल की खोज को गुरु के रुप में प्रस्तुत किया. आयोजित काव्य संध्या का आनन्द उठानेवालों में कृष्णा अग्रवाल, डा एलएन अग्रवाल, शेषनाथ राय तथा कमल अग्रवाल आदि थे. अवसर पर सभी ने समाजसेवी संजय लाठ को जन्मदिन की शुभकामनाएं प्रेषित की. 14 सितंबर को पुस्तकालय में बच्चों की ओर से हिन्दी दिवस मनाने की योजना है.