भुवनेश्वर. साहित्य के माध्यम से जनजातीय लोगों की परंपरा व संस्कृति की बारे में जानकारी प्रदान करने उद्देश्य से साहित्यिक पत्रिका ‘शुभदृष्टि’ की टीम द्वारा प्रकाशित एक निशुल्क ई-पत्रिका “आम जनजति” का लोकार्पण किया गया. पहली जनजाति ई-पत्रिका “आम जनजति” में ओडिशा में रहने वाले 62 से अधिक जनजातियों की परंपराओं, लोकगीतों और जीवन शैली के बारे में सामग्री प्रदान की गई है. यह ट्राईबल फ्रेंड्स ओडिशा और इंडिजेनस हेरिटेज टेल के सहयोग से प्रस्तुत किया गया है. शुभदृष्टि के संपादक एपी शुभकांत ने बताया कि इसके पहले संस्करण में करम परब, सौरा जीवनशैली, जनजातीय संस्कृति में रथयात्रा व रामायण,जनजातीय संस्कृति, वनवासी खेती के तरीके, लोकगीत लोककथा और इस्रो में काम करने वाले वैज्ञानिक अभिमन्यु मल्लिक के साक्षात्कार को शामिल किया गया है इस पत्रिका की विशेषता यह है कि यह पहली ओड़िआ(उड़िया) जनजाति ई-पत्रिका है. इस पत्रिका का संपादन मालती कहार ने किया है जबकि अभिलिपसा और एपी शुभकांत ने सह संपादक की जिम्मेदारी निभाई. ओम प्रकाश बिश्वाल ने लोगो को डिज़ाइन किया. पत्रिका के शुभारंभ के बाद राज्यसभा सांसद और राज्यसभा के उपाध्यक्ष डॉ सस्मित पात्र ने शुभदृष्टि के इस मुहिम को प्रशंसा करने के साथ उन्हें सोशल मीडिया पर बधाई दी.
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